भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ में कूड़ा डंपिंग ग्राउंड, बीमारियों की चपेट में लोग
भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ में देशी-विदेसी पर्यटकों को भ्रमण के दौरान दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। सारनाथ आकाशवाणी पहुंचते ही कूड़ा के दुर्गंध से लोग उल्टी-दस्त करने लग रहे हैं। कूड़े के दुर्गंध से आसपास रहने वाले लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ में देशी-विदेसी पर्यटकों को भ्रमण के दौरान दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है। सारनाथ आकाशवाणी पहुंचते ही कूड़ा के दुर्गंध से लोग उल्टी-दस्त करने लग रहे हैं। कूड़े के दुर्गंध से आसपास रहने वाले लोग विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। स्थानीय लोगों के विरोध करने के बाद भी कूड़ा उठाने वाली कंपनी के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने जिला प्रशासन और नगर निगम को चेतावनी देते हुए कहा कि एक सप्ताह के अंदर कूड़ा डंपिंग ग्राउंड नहीं हटाया गया तो सुहेलदेव पार्क में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल सारनाथ में रोज हजारों की संख्या में देशी-विदेसी पर्यटक आते हैं। पर्यटक सारनाथ भ्रमण करने से पहले आकाशीवाणी तिराहे पर महाराज सुहेलदेव प्रतिमा के पास भी रुकने हैं। करीब 50 मीटर दूरी पर चौखंडी स्तूप है, यहां दिनभर पर्यटक रहते हैं। चौखंडी स्तूप से सटा जापानी पार्क है, इस पार्क की सुंदरता शायद ही पूर्वांचल में कहीं देखने को मिले। यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए वाहन पार्किंग को नगर निगम का कूड़ा डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है। वरुणापार का कूड़ा यहां एकत्रित करने के बाद डंफर से करसड़ा भेजा जाता है। कूड़े में से निकले दुर्गंध से सड़क से गुजरना मुश्लिक हो गया है।
साथ ही पर्यटक भी नहीं रुकते हैं। सड़क उस पार नगर निगम ने पटरी दुकानदारों को स्ट्रीट बाजार के रूप में स्थान आवंटित कर रखा है। दुर्गंध के चलते दुकानों पर ग्राहक नहीं आते हैं, इसके चलते दुकानदारी चौपट होने लगी है। दुकानदारों का कहना है कि दुर्गंग के चलते हम लोग विभिन्न बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। कूड़ा डंपिंग ग्राउंड हटाने के लिए कई बार नगर निगम के अधिकारियों से कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अब दुकान बंद करने के सिवाय दूसरा कोई रास्ता नहीं रह गया है।