Move to Jagran APP

वाराणसी में 500 नए अपराधियों पर लगेगा गैंगस्टर, जब्त होगी संपत्ति : एडिशनल पुलिस कमिश्नर सुभाष चंद्र दुबे

कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले जनपद के करीब 500 नए अपराधियों पर न केवल गैंगस्टर लगाया जाएगा बल्कि उनकी संपत्ति भी जब्त होगी। इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस ने एक जनवरी 2019 से 31 जुलाई 2021 के बीच गंभीर किस्म के अपराध करने वालों का सिजरा तैयार कर लिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 07:46 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 07:46 AM (IST)
वाराणसी में 500 नए अपराधियों पर लगेगा गैंगस्टर, जब्त होगी संपत्ति : एडिशनल पुलिस कमिश्नर सुभाष चंद्र दुबे
एडिशन पुलिस कमिश्नर (एचक्यू एंड क्राइम) सुभाष चंद्र दुबे ।

मुहम्मद रईस, वाराणसी। कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाले जनपद के करीब 500 नए अपराधियों पर न केवल गैंगस्टर लगाया जाएगा, बल्कि उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी। इसके लिए कमिश्नरेट पुलिस ने एक जनवरी 2019 से 31 जुलाई 2021 के बीच गंभीर किस्म के अपराध करने वालों का सिजरा तैयार कर लिया है। अब न केवल इन पर गैंगस्टर लगाया जाएगा, बल्कि अवैध साधनों से अर्जित उनकी संपत्ति भी कुर्क होगी।

loksabha election banner

दरअसल, जनवरी 2019 से अब तक गंभीर अपराधों में संलिप्त जिन अपराधियों का सिजरा तैयार किया गया है, उनमें से अधिकांश पर गैंगस्टर लगा ही नहीं था। ऐसे में एडिशनल पुलिस कमिश्नर (एचक्यू एंड क्राइम) सुभाष चंद्र दुबे ने रिव्यू कर बड़े अपराधियों पर गैंगस्टर लगाने का निर्देश दिया है। ऐसे अपराधियों की संख्या करीब 500 है। इस माह के अंत तक फिलहाल शीर्ष 100 अपराधियों पर ही गैंगस्टर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। बाकियों को भी जल्द ही इस दायरे में लाया जाएगा।

10 वर्ष सजा का है प्रावधान 

गैंगस्टर एक्ट में न्यूनतम दो साल और अधिकतम दस साल सजा का प्रावधान है। जिन व्यक्तियों पर गैंगस्टर एक्ट लगता है उन पर कम से कम एक साथ दो मुकदमे दर्ज होने चाहिए। गैंगस्टर आरोपियों की संस्तुति थानाध्यक्ष करता है। पुलिस कमिश्नर की ओर से गैंगस्टर चार्ट अनुमोदित करने के बाद यह प्रभावी होता है। इसमें पुलिस कमिश्नर की मंजूरी के बाद आरोपियों की संपत्ति भी जब्त की जा सकती है।

दायरे में आएंगे ये अपराधी 

उत्तर प्रदेश गिरोहबंद और समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम-1986 में 15 प्रकार के अपराध सम्मिलित थे। नये शामिल किए गए अपराधों में साहूकारी विनियमन अधिनियम 1976 के अधीन दंडनीय अपराध, गोवध निवारण अधिनियम 1955 और पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 में उपबंधों के उल्लंघन में मवेशियों के अवैध परिवहन अथवा तस्करी के कार्यों में संलिप्तता शामिल है। इसके अलावा वाणिज्यिक शोषण, बंधुआ श्रम, बालश्रम, यौन शोषण, भिक्षावृत्ति शामिल है। विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1966 के अधीन दंडनीय अपराध, जाली भारतीय नोट का मुद्रण, परिवहन और परिचालन करना, नकली दवाओं के उत्पादन, विक्रय और वितरण में शामिल होना, आयुध अधिनियम 1959 की धारा पांच, सात और 12 के उल्लंघन में आयुध व गोला-बारूद के विनिर्माण, विक्रय और परिवहन में शामिल होना, भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के उल्लंघन में आर्थिक लाभ के लिए वध करना, उत्पादों की तस्करी करना, आमोद तथा पणकर अधिनियम 1979 के अधीन दंडनीय अपराध, राज्य की सुरक्षा, लोक व्यवस्था और जीवन की गति को भी प्रभावित करने वाले अपराध भी गैंगस्टर एक्ट के दायरे में शामिल किए गए हैं।

पुलिस कमिश्नरेट में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखना पहली प्राथमिकता

पुलिस कमिश्नरेट में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त रखना पहली प्राथमिकता है। विगत 31 महीने में गंभीर किस्म के अपराध करने वालों का सिजरा तैयार कर लिया गया है। इस महीने शीर्ष 100 अपराधियों पर गैंगस्टर लगाने का लक्ष्य है। रिव्यू करने के बाद अन्य पर भी कार्रवाई की जाएगी।

- सुभाष चंद्र दुबे, एडिशनल पुलिस कमिश्नर (एचक्यू एंड क्राइम)।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.