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गंगामित्रों ने बदल दी पांच विद्यालयों की तस्वीर, 'माधोपुर ड्रीम प्रोजेक्ट' को संवार रहे गंगामित्र

वाराणसी में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नमामि गंगे के तहत बीएचयू इको स्किल्ड गंगा मित्रों ने काशी विद्यापीठ विकास खंड के पांच प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर बदल दी। जिसमें माधोपुर ड्रीम प्रोजेक्ट का कार्य इन दिनों बहुत ही तेजी से चल रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 12:27 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 12:27 PM (IST)
गंगामित्रों ने बदल दी पांच विद्यालयों की तस्वीर, 'माधोपुर ड्रीम प्रोजेक्ट' को संवार रहे गंगामित्र
वाराणसी में माधोपुर ड्रीम प्रोजेक्ट का कार्य इन दिनों बहुत ही तेजी से चल रहा है।

वाराणसी (रवि पांडेय)। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन नमामि गंगे के तहत बीएचयू इको स्किल्ड गंगा मित्रों ने काशी विद्यापीठ विकास खंड के पांच प्राथमिक विद्यालयों की तस्वीर बदल दी। जिसमें "माधोपुर ड्रीम प्रोजेक्ट" का कार्य इन दिनों बहुत ही तेजी से चल रहा है। प्राथमिक विद्यालय माधोपुर कोट प्रथम की हालत खंडहर जैसी हो गई थी जिसका सुंदरीकरण इको-स्किल्ड गंगामित्र सुपर एक्सप्रेस की टीम कर रही है। विद्यालय की दीवारों के रंग-रोगन में बच्चों के पठन-पाठन हेतु चित्रों में अंकगणित, स्वर-व्यंजन, गिनती-पहाड़ा, विद्यालयों में जलीय जीवों (डॉलफिन) जैसे आकर्षित करने वाले चित्र बनाए जा रहे हैं जो बच्चों को स्कूल जाने के लिए प्रेरित ही नहीं बल्कि कान्वेंट जैसे माहौल से पढ़ाई में रुचि भी प्रदान करेंगे।

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विद्यालयों की बदल रही तस्वीर से अभिभावक खुश हैं तो बच्चे भी काफी उत्साहित हैं।इसके अलावा गंगमित्रों ने छितौनी, मलाहिया (रमना), सुसुवाही, जंगम पुर (बीएचयू) प्राथमिक विद्यालयों का रंगरोगन और सुंदरीकरण किया है। विद्यालय के प्रधानाचार्य किरन सिंह का कहना है कि अब बच्चों की उपस्थिति भी पहले से अच्छी हो सकती है। विद्यालय की बाउंड्री टूटी है जिसके कारण छुट्टा पशु पेड़ों को नष्ट कर देते हैं। यहां का मुख्य भवन जर्जर है जिसके निर्माण के लिए अधिकारियों को लिखा गया है।

पंचवटी के साथ बच्चों का होगा खेल मैदान

पर्यावरण की रक्षा का संदेश देने के लिए गंगा मित्रों ने माधोपुर में पंचवटी (पीपल, बेल, बरगद, आंवला, अशोक) लगाया गया है। विद्यालय के बच्चों को खेलने के लिए मैदान बनाकर आसपास हरियाली के लिए पौधे लगाए गए हैं। गंगा मित्रों ने तालाबों के संरक्षण के लिए 50 तालाबों पर काम किया है तथा इसमें लोगों को सिंघाड़ा जैसी खेती के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। गांवों से समाप्त हो रहे कुएं को न पाटने उसके किनारे अच्छे चित्र बनाकर उन्हें संरक्षित करनें का भी संदेश दे रहे हैं।

धरोहरों को संरक्षित करने के लिए चला रहे अभियान

गंगा मित्रों की टीम संस्कृति और धरोहरों को संरक्षित करने के लिए जागरुकता अभियान भी चला रही है। जिसमें , गंगा संरक्षण जल-संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण को लेकर महाभियान चलाया जा रहा है। टीम के लीडर धर्मेन्द्र पटेल से  ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे कान्वेंट बच्चों से अलग न रहे उन्हें भी अच्छा माहौल मिले और पर्यावरण के प्रति प्रेम की भावना विकसित हो। टीम में आफ़रीन, धर्मेन्द्र पटेल, प्रियंका, स्नेहा, धर्मेन्द्र कुमार, कैलाश, वैष्णवी, निकिता, घनश्याम,रविंद्र गुप्ता, प्रशांत, रविन्द्र,रूपा, अदिति, प्रतिभा, ज्योतिरानी, काजल, वंदना, पूनम  आदि गंगामित्रों का सराहनीय सहयोग रहता है। इको-स्किल्ड गंगामित्रों को बीएचयू के महामना मालवीय गंगा शोध केंद्र के चेयरमैन पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. बी.डी. त्रिपाठी के निर्देशन में प्रशिक्षित किया गया है ।


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