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घर-घर पेयजल के रूप में गंगाजल पहुंचाने की मुहिम, वरुणापार के दस हजार घरों तक पहुंचा गंगाजल

काशी में घर-घर पेयजल के रूप में गंगाजल पहुंचाने की मुहिम अब परवान चढ़ चुकी है। एक दशक की कवायद के बाद वरुणापार के दस हजार घरों में गंगाजल आपूर्ति शनिवार से शुरू हो गई।

By Edited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 02:00 AM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 08:57 AM (IST)
घर-घर पेयजल के रूप में गंगाजल पहुंचाने की मुहिम, वरुणापार के दस हजार घरों तक पहुंचा गंगाजल
घर-घर पेयजल के रूप में गंगाजल पहुंचाने की मुहिम, वरुणापार के दस हजार घरों तक पहुंचा गंगाजल

वाराणसी, जेएनएन। काशी में घर-घर पेयजल के रूप में गंगाजल पहुंचाने की मुहिम अब परवान चढ़ चुकी है। एक दशक की कवायद के बाद वरुणापार के दस हजार घरों में गंगाजल आपूर्ति शनिवार से शुरू हो गई। पहले चरण में 50 हजार घरों तक गंगाजल पहुंचाने का लक्ष्य है। आगे चलकर पूरे शहर में सिर्फ गंगाजल ही मुहैया कराया जाएगा। जल निगम ने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए जलकल विभाग के पुराने कनेक्शन का ब्लू प्रिंट भी मंगा लिया गया है। पहले चरण में चार ओवरहेड टंकियों से घरों तक गंगा जल की आपूर्ति शुरू हुई है। ये चार टंकियां अशोक बिहार कॉलोनी, अशोक नगर कॉलोनी, सारनाथ व मवइयां की हैं। इन टंकियों से 10 हजार से अधिक घरों में गंगा का पानी पहुंच रहा है। यह गंगाजल चौबेपुर के कैथी से लिफ्ट कर सारनाथ के बरईपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) तक भेजा जा रहा है। यहां शोधन के बाद टंकियों तक पानी की आपूर्ति हो रही है।

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- वर्ष 2010 में शुरू हुआ था कार्य जवाहरलाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत 2007 में वाराणसी पेयजल योजना की मंजूरी शासन ने की थी। वरुणा नदी को आधार बनाते हुए शहर को दो हिस्सों में बांटा गया। एक सिस-वरुणा तो दूसरे का नाम ट्रांस-वरुणा रखा गया। सिस-वरुणा में पेयजल व्यवस्था के विस्तार को लेकर ब्लू प्रिंट बनाया गया तो वरुणापार के लिए मुकम्मल तौर पर नई योजना बनी। दोनों योजनाओं पर करीब पांच सौ करोड़ का बजट तय किया गया। वर्ष 2010 में कार्य प्रारंभ हुआ। जमीन की जटिलताओं के चलते वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट यानी डब्ल्यूटीपी बनने में करीब नौ साल बीत गए। इस दौरान योजना को कई जांच से भी गुजरना पड़ा।

- दुरुस्त हो रही लीकेज की समस्या जल निगम की निगरानी में वरुणापार पेयजल योजना का कार्य मेघा कंपनी कर रही है। योजना के तहत 31 ओवरहेड टंकियां व भूमिगत जलाशय बनाने के साथ 228 किलोमीटर तक पाइप लाइन का जाल बिछाया गया है। सभी टंकियों से घरों तक पानी आपूर्ति की टेस्टिंग की जा रही है।

'चरणबद्ध तरीके से टंकियों को आपूर्ति लाइनों में जोड़कर घरों तक गंगा जल पहुंचाने का कार्य हो रहा है। बहुत जल्द वरुणापार के सभी घरों तक गंगा जल की आपूर्ति होने लगेगी।' -अंकुर श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता, जल निगम


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