गंगाजल पीने वाला एक प्राकृतिक सैनिटाइजर, आइआइटी-बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर यूके चौधरी का दावा
गंगा जल अपनी औषधीय गुणों के कारण इसे एक प्रकार से पीने वाला प्राकृतिक सैनिटाइजर भी कहा जा सकता है
वाराणसी, जेएनएन। हवा, पानी और जमीन पर मौजूद कोरोना वायरस के संक्रमण को गंगाजल से रोकने में कामयाबी पाई जा सकती है। पाप मिटाने के अलावा यह वायरस को भी खत्म कर सकता है। अपनी औषधीय गुणों के कारण इसे एक प्रकार से पीने वाला प्राकृतिक सैनिटाइजर भी कहा जा सकता है, ऐसा कहना है आइआइटी-बीएचयू में सिविल इंजीनियरिंग के पूर्व प्रोफेसर यू के चौधरी का। आइआइटी-बीएचयू में गंगा रिसर्च सेंटर के संस्थापक प्रो. चौधरी ने कहा कि गंगा के पानी में बड़ी मात्रा में बैक्टिरियोफेज पाया जाता है, यह एक प्रकार का वायरस है जो हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है। उन्होंने बताया कि वेद, पुराण और उपनिषद के मुताबिक गंगाजल एक औषधीय जल है। वर्तमान में वैज्ञानिकों ने भी यह पता लगाया है कि गंगा के पानी में बीमारी फैलाने वाले पैथोजंस को खत्म करने वाले जीवाणु हैं।
जितनी ऊंचाई उद्गम स्थल की होगी, उतना ही ज्यादा जल का औषधिक प्रभाव
प्रो. चौधरी ने बताया कि नदियों का उद्गम स्थल परिभाषित करता है कि जल का गुण क्या है। जितनी ऊंचाई उद्गम स्थल की होगी, उतना ही ज्यादा जल का औषधिक प्रभाव होता है। गोमुख से निकलने वाली गंगा का स्त्रोत सबसे अधिक ऊंचाई और पहाड़ों की गहराई में हैं पर है, जिस कारण यह प्राकृतिक सैनिटाइजर बन जाती है। गंगा का पानी सफेद है तो यमुना का हरा और सोन नदी का पानी हल्के भूरे रंग का है। गंगा जल के उपयोग को बढ़ावा देने से कोरोना के चेन को तोडऩे पर कार्य किया जाना चाहिए।
गंगा क्वेस्ट से जुड़ खुद परखें अपना ज्ञान
लॉकडाउन में नमामि गंगे ने गंगा के बारे में छात्रों और अन्य लोगों की जानकारी परखने के लिए गंगा क्वेस्ट नाम से एक प्रतियोगिता शुरू की है। कक्षा आठ से 12 तक के बच्चों शीर्ष तीन छात्रों को आकर्षक उपहार दिए जाएंगे। इसके लिए 30 मई तक www.gangaquest.com पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने गंगा पर आधारित गंगा क्वेस्ट से अधिक से अधिक लोगों के जुडऩे की अपील की है ।
नमामि गंगे गंगा विचार मंच काशी प्रांत के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि गंगा के बारे में लोग कितनी जानकारी रखते हैं। इस क्वेस्ट में भाग लेकर लोगोंं को अपना ज्ञान परखने का मौका मिलेगा। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन नंबर के द्वारा लॉगिन करके गंगा के संदर्भ में दिए प्रश्नों का उत्तर देकर आकर्षक पुरस्कार प्राप्त किया जा सकता है । घर बैठे लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए गंगा पर आधारित क्विज प्रतियोगिता का उद्देश्य देशवासियों में गंगा के प्रति संवेदना बढ़ाकर गंगा स्वच्छता के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जोडऩा है।