गंगा सफाई के लिए आई मशीनें नवीनीकरण के अभाव में खड़ी, गंगा में गंदगी सफाई का कार्य बाधित
पर्यटन का सीजन शुरू होने के साथ ही गंगा नदी में प्रदूषण का स्तर भी अब बढ़ने लगा है। गंगा की सफाई के लिए आई मशीनें भी कई महीनों से नवीनीकरण की लेकर खड़ी हैं। गंगा की स्वच्छता से जुड़े लोगों के अनुसार ये थ्रेशर मशीन बड़ी ही लाभकारी थीं।
वाराणसी, जेएनएन। पर्यटकों का सीजन शुरू होने के साथ ही गंगा नदी में प्रदूषण का स्तर भी अब बढ़ने लगा है। गंगा की सफाई के लिए आई मशीनें भी कई महीनों से नवीनीकरण की लेकर खड़ी हैं। गंगा की स्वच्छता से जुड़े लोगों के अनुसार ये थ्रेशर मशीन बड़ी ही लाभकारी थीं। गंगा में तैरते माला फूल, पॉलीथीन व अन्य कचरे को साफ करती थी। अब गंगा में धार्मिक कार्यों के लिए गंदगी दूर न हो पाने को लेकर घाट पुरोहित भी चिंतित हैं।
इस बाबत कॉन्फिडेंट इंजीनियर नाम की कंपनी को गंगा की सफाई का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। डेढ़ वर्ष हो गए यह कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हुए लेकिन किसी ने इसकी सुधि नहीं ली। कंपनी के सूत्रों के अनुसार अब यह मशीन स्क्रैप में बेच दी गई है। कबाड़ी के हाथों बिक चुकी यह मशीन अब निस्प्रयोज्य है। वहीं वाराणसी में गंगा सेवा कर रहे नमामि गंगे के राजेश शुक्ला ने कहा आज यह बड़ी ही दुखद स्थिति है कि प्रशासनिक उदासीनता के अभाव में कांट्रेक्ट रिन्यू नहीं हो सका। उन्होंने प्रशासन से निवेदन किया कि मशीन जल्द की शुरू की जाय ताकि रोजाना गंगा के ऊपरी सतह की सफाई और कूड़ेदान तक पहुंचाया जा सके। यह मशीन फिलहाल प्रह्लाद घाट के पास खड़ी है।