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गंगा आरती, बनारसी वैभव देख अब्दुला वंशज अभिभूत

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला दोनों बेटे क्रसाथ काशी में गंगा आरती में शामिल हुए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Jun 2019 11:19 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2019 02:03 AM (IST)
गंगा आरती, बनारसी वैभव देख अब्दुला वंशज अभिभूत
गंगा आरती, बनारसी वैभव देख अब्दुला वंशज अभिभूत

वाराणसी : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दोनों बेटे क्रमश: जामिर व जाहिर अब्दुल्ला मां पायल नाथ के साथ काशी में हैं। बुधवार की देर शाम गंगा में नौका विहार करने के साथ ही दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती देख सभी अभिभूत हो गए। पांच दिवसीय प्रवास पर आए उमर अब्दुल्ला का परिवार बाबा बिश्वनाथ का काल भैरव का दर्शन कर अन्य प्रमुख मंदिरों में मत्था टेकेंगे।

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ज्ञात हो कि उमर अब्दुल्ला का परिवार बुधवार की सुबह लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा था। एयरपोर्ट से निकलने के बाद सभी नदेसर स्थित होटल ताज पहुंचे। दोपहर में यहां आराम करने के बाद शाम करीब 5.30 बजे परिवार राजघाट के लिए रवाना हुआ। काफिला लगभग पौने छह बजे भैंसासुर घाट पहुंचा। घाट की खूबसूरती और बनारसी जीवनशैली को मंत्रमुग्ध होकर देखते हुए परिवार पैदल ही रानी घाट पहुंचा। यहां एक सामान्य बोट लेकर वे नौका विहार पर निकले। घाटों की अद्भुत छटा को स्मृति पटल पर सहेजते हुए बेटों के साथ पायल नाथ दशाश्वमेध घाट पहुंचीं और बच्चों के साथ गंगा आरती में भी शामिल हुई।

-मैं शिवभक्त हूं: पायल नाथ

पायल नाथ का कहना है कि वह शिवभक्त हैं। रामेश्वरम, सोमनाथ, केदारनाथ, बैजनाथधाम हो या बद्रीनाथधाम समेत भगवान शिव से जुड़े सभी धर्म स्थलों का दर्शन कर चुकी हूं। मगर अभी तक बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी आने का सौभाग्य नहीं मिला था।

उन्होंने बताया कि गुरुवार को बाबा विश्वनाथ व बाबा कालभैरव के दर्शन करूंगी। बेटों जाहिर व जामिर की छुट्टियां चल रहीं है। उनके कुछ दोस्तों ने भी बनारस आने और यहां की आध्यात्मिकता को महसूस करने की इच्छा जाहिर की थी। इसलिए सभी को साथ लेकर आई हूं। काशी में अगले पांच-छह दिन रहने का विचार है।

-मां पार्वती के मंदिर की तलाश

जागरण से बातचीत के दौरान पायल ने पौराणिक घटना का जिक्र भी किया। बताया ब्रह्मा जी के वरदान के कारण भगवान शिव को काशी छोड़कर कैलाश पर्वत जाना पड़ा था। इस वजह से बिना पलक झपकाए मां पार्वती कैलाश पर्वत को निहारती रह गई थीं। पायल बताती हैं कि काशी प्रवास के दौरान मां पार्वती के इस मंदिर की भी तलाश है। यदि जानकारी मिली तो जाहिर व जामिर के साथ दर्शन करने जरूर जाउंगी।

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