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पर्यावरण संरक्षण : पशुओं के आश्रय स्थलों के गोबर से बने कंडों पर जलेंगे पार्थिव शरीर

धान के कटोरे में आश्रय स्थलों से निकलने वाले गोबर केे कंडे से पार्थिव शरीर पंचत्तव में विलीन होंगेे। आश्रय स्थलों में गोबर से कंडा बनाने वाली मशीनें लगाई जाएंगी।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 07:23 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 09:00 AM (IST)
पर्यावरण संरक्षण : पशुओं के आश्रय स्थलों के गोबर से बने कंडों पर जलेंगे पार्थिव शरीर

चंदौली, जेएनएन। धान के कटोरे में आश्रय स्थलों से निकलने वाले गोबर केे कंडे से पार्थिव शरीर पंचत्तव में विलीन होंगेे। आश्रय स्थलों में गोबर से कंडा बनाने वाली मशीनें लगाई जाएंगी। पशुपालन विभाग ने जल्द ही मशीन के प्रदर्शन की योजना बनाई है। डेयरी उद्योग व पशुपालक भी अपने यहां मशीन लगा सकते हैं। दूध के साथ ही पशुओं का गोबर भी अब पशुपालकों के लिए आमदनी का जरिया बनेगा। वहीं श्मशान घाटों पर लकड़ी की खपत कम होने सेे पर्यावरण संरक्षण की मुहिम को बढ़ावा मिलेगा। 

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वाराणसी और चंदौली स्थित श्मशान घाटों पर रोजाना सैकड़ों पार्थिव शरीर जलाए जाते हैं। प्रत्येक शव को जलाने में नौ से 11 मन तक लकड़ी की खपत होती है। इस तरह रोजाना हजारों किलोग्राम लकड़ी राख में तब्दील हो जाती है। इसको लेकर पेड़ों की कटाई अंधाधुंध जारी है। लखनऊ की एक निजी कंपनी ने गोबर से लकड़ीनुमा कंडा बनाने की तरकीब इजाद की है। कंपनी के इंजीनियरों ने ऐसी मशीन बनाई है, जो एक मिनट में करीब पांच किलो गोबर का कंडा बनाएगी। इस पर शवों को रखकर जलाया जाएगा। पशुपालन विभाग ने इस मशीन को आश्रय स्थलों में लगवाने की योजना बनाई है। जनपद में बेसहारा पशुओं को रखने केे लिए 17 आश्रय स्थलों की स्थापना की गई है।

आश्रय स्थलों में करीब 1100 पशुओं को रखा गया है। जिला प्रशासन ने आश्रय स्थलों के गोबर से जैविक खाद बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन योजना मूर्तरूप नहीं ले सकी। विभाग ने अब गोबर से कंडा बनाने वाली मशीन लगाने के लिए पहल शुरू की है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की मानें तो जल्द ही इस पर अमल शुरू होगा। लखनऊ की स्वयंसेवी संस्था की मदद से पहले आश्रय स्थलों में मशीनेें लगवाई जाएंगी। पशुपालकों को इसके बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। डेयरी मालिक व पशुपालक भी अपने यहां मशीन लगा सकते हैं। गोबर के कंडे शवों को जलाने के लिए श्मशान घाट पर भेजे जाएंगेे। पशुपालकों को इसकी वाजिब कीमत मिलेेगी। 

बोले अधिकारी : आश्रय स्थलों में गोबर से लकड़ीनुमा कंडा बनाने वाली मशीन लगवाई जाएगी। पशुपालकों ने भी मशीन लगवाने की इच्छा जाहिर की है। शीघ्रही जिले में मशीन मंगाकर प्रदर्शन कराया जाएगा। -डा. एसपी पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी। 


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