बातें सेहत की... खाने के तुरंत बाद फलों की मिठास कर सकती है सेहत का सत्यानाश
रोग के निवारण में आयुर्वेदिक औषधियों का जितना महत्व है उतना ही खाने की वस्तुओं से परहेज का भी है, आयुर्वेद के अनुसार कब क्या खाना चाहिए यह बहुत महत्व रखता है।
वाराणसी [वंदना सिंह] । रोग के निवारण में आयुर्वेदिक औषधियों का जितना महत्व है उतना ही खाने की वस्तुओं से परहेज का भी है । आयुर्वेद के अनुसार कब क्या खाना चाहिए यह बहुत महत्व रखता है। एक ही वस्तु अलग-अलग समय पर खाने से तरह तरह से कार्य करती है। सिर्फ एक जल ही अलग-अलग समय पर पीने से भिन्न भिन्न तरीके से काम करता है। उदाहरण के तौर पर भोजन से पहले पानी का सेवन दुर्बलता लाता है और भोजन के बाद पानी एसिडिटी जैसे रोगों को जन्म देता है।
चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डा. अजय कुमार बताते हैं कि समय के अनुसार कब, कौन सा भोजन खाना है यह जानना जरूरी है। इसमें फलों के सेवन पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि ज्यादातर लोग फल को किसी भी समय खाते हैं जो उनकी सेहत के लिए ठीक नहीं।
फल खाने का सही समय
फल खाने में टेस्टी होने के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं। इनमें पाए जाने वाले पौष्टिक गुण शरीर को मजूबत और स्वस्थ रखने का काम करते हैं। इनको निम्न विधि से लेना चाहिए-
- आयुर्वेद के अनुसार फल खाने का सही समय सुबह का माना गया है।
- भोजन के तुरंत बाद फल या जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे पाचन संबंधी विकार उत्पन्न हो सकते हैं।
- फलों का सेवन हमेशा भोजन के पहले करना चाहिए। आयुर्वेद में स्पष्ट लिखा गया है। फलों के खाने के बाद अन्य वस्तुओं को खाना चाहिए।
- फलों द्वारा संपूर्ण पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए आप इनका सुबह के समय सेवन करें।
- आंवले का चूर्ण खाने से पहले खाने के बीच में और खाने के अंत में लेने से लाभ मिलता है।
क्यों जरूरी है समय पर फल खाना
फलो में अत्यधिक मात्रा में फ्रक्टोज पाया जाता है, जो आसानी से फैट में परिवर्तित हो जाते हैं। यही कारण है कि रात में फल खाने से पांचन तंत्र प्रभावित होने लगता है। सुबह के समय खाली पेट फल खाने का फायदा होता है। हर फल में प्रोटीन, विटामिन, एंटिऑक्सीडेंट, फाइबर जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं लेकिन ज्यादातर लोगों को फल खाने का सही तरीका मालूम नहीं होता। खाना खाने के तुरंत बाद मिठाई के रूप में इसका सेवन करना गलत है। फलों को गलत समय पर खाने से होने वाले लाभ की जगह, शरीर में अपच, एसिडिटी और कब्ज जैसी पेट की समस्याएं होने लगती हैं।
मिल सकता है लाभ
- पपीते के सेवन से पाचन संबंधी विकारों में लाभ मिलता है। सुबह खाली पेट पपीते का सेवन पेट और आंतों के लिए किसी वरदान से कम नहीं। कब्ज, गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं में पपीते का सेवन तुरंत लाभ पहुंचाता है ।
- अनार को सुबह खाना चाहिए। यह हृदय के लिए लाभदायक और अग्निदीपक होता है और सुबह खाने से शरीर में एनर्जी बनी रहती है।
- संतरा और केला एक साथ नहीं खाना चाहिए क्योंकि एक अम्ल रस और दूसरा मधुर रस वाला होता है। दोनो एक दूसरे के विरोधी गुण होने से नुकसान करते हैं।
- सेब मधुर और कषाय होता है। यह संग्राही होता है और शीत वीर्य होने से वात विकारो में नुकसान करता है।
- करौंदा पित्त वर्धक होता है इसलिए अधिक खाने से पेट में जलन और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
- जामुन का फल वात को बढ़ाने वाला और संग्राही होता है। इसके प्रयोग से मधुमेह से बचाव होता है।
- संतरे को भूलकर भी खाली पेट नहीं खाना चाहिए। खाली पेट संतरा खाने से गैस की समस्या होने लगती है।
- खट्टे फल जैसे नींबू, नारंगी, अंगूर, पाइनएप्पल आदि को दोपहर में खाने से बचना चाहिए क्योंकि इस समय पित्त बढ़ा होता है। इन फलों को कभी भी खाली पेट न खाएं।