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समूहों के नाम कंपनी से लेकर बिजली बिल कलेक्शन तक का काम, महिलाओं ने स्थापित किया कीर्तिमान

ब्लाक आराजीलाइन पिडरा सेवापुरी बड़ागांव चिरईगांव तथा हरहुआ ब्लाक में प्रेरणा कैंटीन खोला गया है। नीति आयोग के मॉडल ब्लाक सेवापुरी में एक समूह जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता महिलाओं को भोजन और नाश्ता करा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 11:40 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 11:40 AM (IST)
समूहों के नाम कंपनी से लेकर बिजली बिल कलेक्शन तक का काम, महिलाओं ने स्थापित किया कीर्तिमान
ब्लाक आराजीलाइन, पिडरा, सेवापुरी, बड़ागांव, चिरईगांव तथा हरहुआ ब्लाक में प्रेरणा कैंटीन खोला गया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। दीनदयाल अंत्योदय योजना -राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की ओर से किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 585 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। हालांकि जिले 6000 से अधिक समूह गठित हो चुके हैं। नए गठित समूहों में से 395 का बचत खाता खोलवाया गया है वहीं 43 ग्राम संगठनों को स्टार्टअप फंड, आठ संकुल संघ स्टार्टअप फंड, 565 समूह को रिवाल्विंग फंड, 77 को निवेश निधि व 142 को बैंकों से क्रेडिट लिंकेज कराया गया है। समूहों के नाम कंपनी से लगयात बिजली बिल कलेक्शन तक का कार्य है।

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जिले की महिलाओं की छह स्वयं सहायता समूहों की ओर से ब्लाक आराजीलाइन, पिडरा, सेवापुरी, बड़ागांव, चिरईगांव तथा हरहुआ ब्लाक में प्रेरणा कैंटीन खोला गया है। नीति आयोग के मॉडल ब्लाक सेवापुरी में एक समूह जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रसूता महिलाओं को भोजन और नाश्ता करा रहा है। इतना ही नहीं 11 समूह को सवारी गाड़ी आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना के तहत उपलब्ध कराया गया है। दो ग्राम संगठनों को फार्म मशीनरी बैंक से आच्छादित कराया गया है। 40 कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रेरणा टूल बैंक की स्थापना की गई है।

जिले की 72 महिला समूह इस समय बिजली विभाग से समन्वय स्थापित कर बिजली बिल कलेक्शन का कार्य कर रहा है। 18 स्वयं सहायता समूह की ओर से राशन वितरण का कार्य किया जा रहा है। 761 स्वयं सहायता समूह आंगनबाड़ी से जुड़कर ड्राई फूड वितरण कार्य संभाल रहा है। 672 समूह की महिलाएं ग्राम पंचायतों में बने सामुदायिक शौचालय की कमान संभाल रही हैं। सरकार की ओर से तैनात केयर टेकर को 6000 रुपये मानदेय भी दिया जा रहा है। जिले में 43 प्रोड्यूशर ग्रुप बनाए गए हैं तो वहीं विकास खण्ड आराजीलाइन में एक समूह ने फार्मर प्रोड्यूशर कंपनी का गठन किया है।

समूहों के नाम कई काम है। सभी अपने अपने क्षेत्र में मुकाम बनाने को आतुर हैं। कोई आचार मुरब्बा बना रहा है तो कोई डिजाइनिंग में किस्मत आजमा रहा है। हालांकि कुछ पटकनी बी खा रहे तो कुछ का कारोबार में डंका भी बज रहा है। सरकार हर मौके पर समूहों की मदद कर रही है।


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