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सरकारी अस्पतालों में मधुमेह की मुफ्त जांच और दवा भी, परिवार एवं मधुमेह थीम पर मनाया जा रहा दिवस

शिविर में विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही लोगों को परामर्श इलाज एवं दवाओं की निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 09:15 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 09:15 AM (IST)
सरकारी अस्पतालों में मधुमेह की मुफ्त जांच और दवा भी, परिवार एवं मधुमेह थीम पर मनाया जा रहा दिवस
सरकारी अस्पतालों में मधुमेह की मुफ्त जांच और दवा भी, परिवार एवं मधुमेह थीम पर मनाया जा रहा दिवस

वाराणसी, जेएनएन। देश में मधुमेह रोगियों की बढ़ती तादाद चिंता का विषय बनती जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए डायबिटीज (मधुमेह) के प्रति लोगों में जनजागरूकता के लिए हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह (डायबिटीज) दिवस मनाया जाता है। इस साल भी इसके तहत पूरे जिले में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। विश्व मधुमेह दिवस पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल और एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल के अलावा जिले के सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाएगा। 

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शिविर में विशेषज्ञों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही लोगों को परामर्श, इलाज एवं दवाओं की निशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं लोगों में मधुमेह के प्रति जनजागरूकता के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एनसीसी ग्राउंड से एक रैली भी निकाली जाएगी। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीबी सिंह ने बताया कि इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने इस बार इस विशेष दिवस की थीम परिवार एवं मधुमेह (द फेमिली एंड डायबिटीज) निर्धारित किया है। इसका उद्देश्य परिवार में मधुमेह से होने वाले प्रभाव के बारे में जागरूकता उत्पन्न करना और प्रभावित लोगों के समूह को सहयोग करना एवं मधुमेह के बारे में शिक्षा, रोकथाम, देखभाल और प्रबंधन में परिवार की भूमिका को बढ़ावा देना है। बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल के एनसीडी क्लीनिक में विशेषज्ञ डा. क्षितिज तिवारी की देखरेख में मधुमेह से प्रभावित व्यक्ति ओपीडी के समय मुफ्त जांच, परामर्श और दवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग जिले के सभी आठों सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।


नवजात की बचाने को जान, सरकार देगी पूरा ध्यान

नवजात शिशु को असामयिक मृत्यु से बचाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। शिशु मृत्यु दर में गिरावट लाने के लिए ही स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि करने के साथ ही समुदाय में जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। 

इसी क्रम में 14 से 21 नवंबर तक नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस सप्ताह को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य समाज में यह संदेश पहुंचाना है कि नवजात को लंबी उम्र देने के लिए वह कौन से तरीके हैं, जिन्हें अपनाना बहुत ही जरूरी है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. वीबी सिंह ने बताया कि कंगारू मदर केयर, स्तनपान और गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम को बढ़ावा देकर भी नवजात को स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सकता है। ऐसे ही कई उपाय हैं जो विशेषज्ञों की ओर से नगर व देहात की जनता के बीच साझा किया जाएगा। 


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