युवा तुर्क चंद्रशेखर की चौथी पीढ़ी भी रख सकती राजनीति में पांव, कुछ नया करने की है चाह Ballia news
देश के 11 वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के प्रपौत्र उत्कर्ष सिंह युवा तुर्क चंद्रशेखर की चौथी पीढ़ी के रुप में राजनीति में अपना पांव रखने लगे हैं।
By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 08:09 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 08:09 AM (IST)
बलिया, जेएनएन। देश के 11 वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के प्रपौत्र उत्कर्ष सिंह युवा तुर्क चंद्रशेखर की चौथी पीढ़ी के रुप में राजनीति में अपना पांव रखने लगे हैं। उनकी सामाजिक सक्रियता को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो चला है। युवा तुर्क के जिस विरासत को उनके पुत्र राज्यसभा सांसद नीरज शेखर और उनके पौत्र विधान परिषद सदस्य रविशंकर सिंह पप्पू आगे बढ़ा रहे हैं, अब रविशंकर ङ्क्षसह के पुत्र उत्कर्ष सिंह भी बलिया और आसपास के क्षेत्रों में घूम रहे हैं, लोगों के निमंत्रणों में पहुंच रहे हैं। उससे बलिया की जनता ये मान कर चल रही है कि कल की राजनीति में चंद्रशेखर की विरासत को उत्कर्ष आगे लेकर जाने वाले हैं। विशेष कर युवा वर्ग में इस बात को लेकर ज्यादा खुशी है।
परिवार के लिए भी राजनीति की प्रेरणा हैं चंद्रशेखर
परिवार का हर सदस्य चंद्रशेखर जी के पदचिह्नों को अपना आदर्श मानता है और उनके दिखाए रास्ते पर आज भी चलता है। उत्कर्ष ङ्क्षसह के पिता रविशंकर सिंह भी बैंगलुरू से इंजीनियरिंग किए हैं, इसके बाद परिवार में राजनैतिक माहौल को देखकर राजनीति को ही कैरियर के रूप में चुनने वाले पप्पू सिंह लगातार तीन बार जीत कर विधान परिषद सदस्य बने हुए हैं। उत्कर्ष सिंह से बात करने पर पता चलता है कि वो देश के विकास के लिए कितना चिंतित है और बलिया को देश की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए उनके पास एक बड़ा रोडमैप है। उनके अनुसार बलिया में बहुत कुछ करने की जरूरत है। उनका मानना हैं कि राजनीति में युवा रहे या न रहें, लेकिन इस सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि परोक्ष रुप से युवा ही सरकार बनाते हैं और सरकार को गिराते भी हैं। यह दुखद है कि देश हित में जितनी भूमिका युवा निभाते हैं, उस अनुपात में उन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिलती।
समाज के लिए कुछ करने की ललक खुशी की बात : रविशंकर सिंह पप्पू
एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू से यह पूछने पर कि क्या उत्कर्ष सिंह भी राजनीति में जाना चाहते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में व्याप्त विसंगति के प्रति सामाजिक बदलाव व विकास के लिए कुछ करने की ललक यदि उत्कर्ष में है तो यह अच्छी बात है। बेटे के सामाजिक सक्रियता व युवा जोश का सकारात्मक लाभ अगर क्षेत्र को मिलता है तो यह किस पिता को अच्छा नहीं लगेगा। बेटे की सफलता से बड़ी एक पिता के लिए और कुछ भी नहीं होता।
परिवार के लिए भी राजनीति की प्रेरणा हैं चंद्रशेखर
परिवार का हर सदस्य चंद्रशेखर जी के पदचिह्नों को अपना आदर्श मानता है और उनके दिखाए रास्ते पर आज भी चलता है। उत्कर्ष ङ्क्षसह के पिता रविशंकर सिंह भी बैंगलुरू से इंजीनियरिंग किए हैं, इसके बाद परिवार में राजनैतिक माहौल को देखकर राजनीति को ही कैरियर के रूप में चुनने वाले पप्पू सिंह लगातार तीन बार जीत कर विधान परिषद सदस्य बने हुए हैं। उत्कर्ष सिंह से बात करने पर पता चलता है कि वो देश के विकास के लिए कितना चिंतित है और बलिया को देश की मुख्यधारा से जोडऩे के लिए उनके पास एक बड़ा रोडमैप है। उनके अनुसार बलिया में बहुत कुछ करने की जरूरत है। उनका मानना हैं कि राजनीति में युवा रहे या न रहें, लेकिन इस सत्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि परोक्ष रुप से युवा ही सरकार बनाते हैं और सरकार को गिराते भी हैं। यह दुखद है कि देश हित में जितनी भूमिका युवा निभाते हैं, उस अनुपात में उन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं मिलती।
समाज के लिए कुछ करने की ललक खुशी की बात : रविशंकर सिंह पप्पू
एमएलसी रविशंकर सिंह पप्पू से यह पूछने पर कि क्या उत्कर्ष सिंह भी राजनीति में जाना चाहते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र में व्याप्त विसंगति के प्रति सामाजिक बदलाव व विकास के लिए कुछ करने की ललक यदि उत्कर्ष में है तो यह अच्छी बात है। बेटे के सामाजिक सक्रियता व युवा जोश का सकारात्मक लाभ अगर क्षेत्र को मिलता है तो यह किस पिता को अच्छा नहीं लगेगा। बेटे की सफलता से बड़ी एक पिता के लिए और कुछ भी नहीं होता।
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