काम नहीं आ रहा चार महीने पहले एडवांस रेल टिकट बुकिंग का फार्मूला, आठ बजते ही ट्रेनों की सीटें फुल
आठ बजते ही रेलवे आरक्षण केंद्र की खिड़कियों पर सुबह से लाइन में खड़े यात्रियों को निराशा हाथ लग रही है।
वाराणसी, जेएनएन। गर्मी की छुट्टियों में महानगरों से घर लौटने की राह आसान नहीं होगी। आठ बजते ही रेलवे आरक्षण केंद्र की खिड़कियों पर सुबह से लाइन में खड़े यात्रियों को निराशा हाथ लग रही है। दरअसल, बुकिंग शुरू होते ही चंद सेकेंड के अंदर वापसी की ट्रेनों में सीटें फुल हो जा रही हैंं। ऑनलाइन माध्यमों से टिकट बुक करने वालों का भी यही हाल है।
पिक सीजन में यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे की तरफ से शुरू चार महीने पहले एडवांस टिकट बुकिंग का फार्मूला भी काम नहीं आ रहा है। गर्मी की छुट्टियों में घर लौटने की प्लानिंग कर रहे लोगों के हाथ मायूसी लग रही है। सूरत, मुंबई और अहमदाबाद से आने वाली ट्रेनों में सबसे ज्यादा दबाव है। 15 अप्रैल से शुरू यह सिलसिला जून तक चलेगा।
मई की वेटिंग ढाई सौ के पार
चार महीने पहले मुंबई, सुरत और अहमदाबाद से आने वाली ट्रेनों में वेटिंग की लंबी फेहरिस्त है। आलम ये है कि मई के महीने में स्लीपर श्रेणी में वेटिंग का आंकड़ा ढाई सौ से पार हो गया है। महानगरी एक्सप्रेस, दादर- मंड़ुआडीह सुपरफास्ट एक्सप्रेस, रत्नागिरी एक्सप्रेस, ताप्तीगंगा एक्सप्रेस व साबरमती एक्सप्रेस सहित महानगर से आने वाली ट्रेनों का यही हाल है।
दलालों का सिंडिकेट हावी
एडवांस रिजर्वेशन पीरियड में दलालों का सिंडिकेट शुरू से ही हावी रहा है। समय- समय पर आरपीएफ निरीक्षण के दौरान इस तरह के मामले सामने आते रहे है। बुकिंग ओपेन होते ही साफ्टवेयर से रेलवे सिस्टम को हैक कर सीटों को रिजर्व कर लेते हैं। पिछले साल पूर्वोत्तर रेलवे की टीम ने आजमगढ़ और गाजीपुर में कार्रवाई करते हुए बड़ा खुलासा किया था। मौके से कंंप्यूटर सिस्टम और साफ्टवेयर भी हाथ लगे थे।
फर्जी आईडी का है खेल
आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉगइन आईडी बनाने पर महीने में छह टिकट बनाने की सुविधा मिलती है। जबकि एजेंट फर्जी नामों से आईडी बनाते है। पिक सीजन में उन्हें ऊंचे दामों में बेच देते हैं। साथ ही चेकिंग और असुविधा से बचाने के लिए उन्हे फर्जी आईडी भी बनाकर दी जाती है। पिछले दिनों आरपीएफ की कार्रवाई में इस तरह के प्रकरण सामने आए थे।
- दलालों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। गर्मी की छुट्टियों को देखते हुए प्लानिंग तय हो चुकी है। - डा. एसएन पांडेय, आईजी आरपीएफ।