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वाराणसी में प्रशिक्षण देकर हर ब्लाक के लिए तैयार किए गए चार-चार मास्टर ट्रेनर

वाराणसी में ब्‍लाक स्‍तर पर तकरीबन 1200 परिषदीय विद्यालयों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जाना है ताकि वह अपने पोषक क्षेत्र में दिव्यांग बच्चे व उसके लक्षण के बारे में पता कर रिपोर्ट कर सकें।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 06:40 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 06:40 PM (IST)
वाराणसी में प्रशिक्षण देकर हर ब्लाक के लिए तैयार किए गए चार-चार मास्टर ट्रेनर
समेकित शिक्षा के तहत वाराणसी में छह वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों में दिव्यांगता का लक्षण पता करना है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। समेकित शिक्षा के तहत जनपद में छह वर्ष तक के दिव्यांग बच्चों में उनके दिव्यांगता का लक्षण पता करना है, ताकि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य टीम की ओर से समय-समय पर उनकी जांचकर उनका इलाज किया जाए। इसके लिए जिला स्‍तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। 

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इसका मकसद है कि इन बच्चों को पढ़ने-लिखने में हो रही दिक्कत को दूर किया जा सके। इसके लिए तकरीबन 1200 परिषदीय विद्यालयों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ता को प्रशिक्षण दिया जाना है, ताकि वह अपने पोषक क्षेत्र में दिव्यांग बच्चे व उसके लक्षण के बारे में पता कर रिपोर्ट कर सकें। इस क्रम में शनिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन बीएसए कार्यालय में किया गया, जिसमें सभी नौ ब्लाक के तीन-तीन स्पेशल एजुकेटर व एक-एक एआरपी को प्रशिक्षित कर उन्हें ब्लाक स्तर के प्रशिक्षण के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने कहा कि दिव्यांगों को सहानुभूति नहीं बल्कि सहयोग की जरूरत है। उनको सही मार्गदर्शन व उचित सहयोग मिले तो अपनी प्रतिभा के दम पर वह अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं। कहा कि यह कार्यक्रम दिव्यांग बच्चों के लिए अत्यंत ही उपयोगी है, इसका सही तरीके से क्रियांवयन किया जाए।

मास्टर ट्रेनर के रूप में उपस्थित समेकित शिक्षा के जिला समंवयक त्रिलोकी शर्मा व स्पेशल एजुकेटर पिंकेश कुमार उपाध्याय ने किस तरह से दिव्यांगता के लक्षण को पता करना है इसके विषय में विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान यूनिसेफ की ओर से तैयार डाक्यूमेंट्री भी दिखाई गई, जिसमें जन्म से लेकर पांच साल तक बच्चों के विकास व दिव्यांगता से संबंधित लक्षण के बारे में बताया गया। त्रिलोकी शर्मा ने बताया कि ब्लाक स्तर पर 27 से 29 जनवरी तक प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 40-40 का बैच बनाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।


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