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देह व्यापार कराने के चार आरोपियों की वाराणसी कोर्ट में पेशी

नेपाली लडकियों को बंधक बनाकर देह व्यापार कराने के मामले में दिल्ली से पकडे गए चार आरोपितों को आज वाराणसी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 02 Aug 2018 04:10 PM (IST)Updated: Thu, 02 Aug 2018 04:55 PM (IST)
देह व्यापार कराने के चार आरोपियों की वाराणसी कोर्ट में पेशी

वाराणसी (जेएनएन)। नेपाल के साथ ही अन्य देश की लड़कियों को बंधक बनाकर देह व्यापार कराने के बड़े रैकेट पर पुलिस ने राजफाश किया है। इस मामले में दिल्ली से वाराणसी पुलिस की टीम ने चार आरोपियों को पकड़ा है। इन चारों को आज कोर्ट में पेश किया गया।

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नेपाली लडकियों को बंधक बनाकर देह व्यापार कराने के मामले में दिल्ली से पकडे गए चार आरोपितों को आज वाराणसी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। वाराणसी से पुलिस की टीम तीन दिन पहले दिल्ली गई थी। चार आरोपित पवन खुराना, शवीन शाह,राजेंद्र यादव व सुंदरी थापा को शिवपुर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। बिना भारत सरकार की अनुमति किसी को देश में बसाना या नौकरी का झांसा देकर बाहर भेजना अपराध है। ऐसे लोगों पर अप्रवास अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

नौकरी के नाम पर नेपाली युवतियों को भेजने का नेटवर्क वाराणसी से लेकर खाड़ी देशों तक फैला हुआ है। नेपाली युवतियों को वाराणसी लाया जाता है। इसके बाद यहां से विभिन्न हवाई अड्डों से उन्हें खाड़ी देशों में भेज दिया जाता है। यहां से दिल्ली, मुंबई, फिर वहां से दूसरे देशों को युवतियां भेज दी जाती हैं। इसी तरह का एक सिंडिकेट अभी सामने आया है जब वाराणसी पुलिस ने दिल्ली में छापा मार कर 16 नेपाली युवतियों को मुक्त कराया। इस मामले के तीन आरोपी अभी फरार हैं।

वाराणसी में क्राइम ब्रांच की तफ्तीश में कई ऐसे एजेंट व एजेंसियों के नाम सामने आए हैं जिन पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इतना ही नहीं इस मामले में एयरपोर्ट व एयरलाइंस कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में हैं, जिसको लेकर पूछताछ हो सकती है।

नेपाली युवतियों को बंधक बनाकर जबरन देह व्यापार कराने के मामले में सोमवार की रात क्राइम ब्रांच ने दिल्ली पुलिस के सहयोग से कार्रवाई की। नेपाली युवतियों को बाहर भेजने का यह कोई पहला मामला नहीं है। नेपाल में गरीबी का फायदा उठाकर, दिल्ली, मुंबई, वाराणसी व खाड़ी देशों में सक्रिय सिंडिकेट ऐसी युवतियों को अच्छी मजदूरी का झांसा देकर अलग देशों में भेज देते हैं। इस काम के लिए एजेंट व ऐसी ट्रैवेल एजेंसियों को दो से ढाई लाख रुपये मिलते हैं। सबसे ज्यादा नेपाली लड़कियां खाड़ी देश में भेजी जाती हैं। क्राइम ब्रांच की जांच में ऐसे कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं जो इस सिंडिकेट से जुड़े हैं। 


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