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मीरजापुर में गरीब मासूमों की भूख मिटाने रोज निकलता है यह 'निवाले वाला' Mirzapur news

जब घर से अपने हाथ का बना भोजन लेकर गरीब बस्ती की ओर निकलते हैं तो निवाले वाले को देख मासूमों की थालियों से मधुर संगीत गूंजने लगता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 07:43 PM (IST)Updated: Wed, 21 Aug 2019 08:45 AM (IST)
मीरजापुर में गरीब मासूमों की भूख मिटाने रोज निकलता है यह 'निवाले वाला' Mirzapur news
मीरजापुर में गरीब मासूमों की भूख मिटाने रोज निकलता है यह 'निवाले वाला' Mirzapur news

मीरजापुर [मनोज द्विवेदी]। भूखे बालक अकुलाते हैं, ठिठुराती रातों में भी सड़क पर सो जाते हैं। यह कुछ ऐसी पंक्ति रही जिसमें छिपे दर्द को भांपकर विंध्याचल निवासी जोखू सोनकर ने गरीब मासूमों की भूख मिटाने का बीड़ा उठाया। वे जब घर से अपने हाथ का बना भोजन लेकर गरीब बस्ती की ओर निकलते हैं तो निवाले वाले को देख मासूमों की थालियों से मधुर संगीत गूंजने लगता है। फिर प्यार की तरी में लिपटी स्नेह की रोटी जब इन बच्चों का निवाला बनती है तो इनके चेहरे की दमक जोखू को आनंद की मिठास से भर देती है। 

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विंध्याचल निवासी जोखू सोनकर कहते हैं कि वे अपनी जिंदगी से बेहद खुश हैं। बच्चे सेटल हो गए हैं, परिवार अच्छा काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि एक दिन अचानक आसपास के कुछ गरीब बच्चों को खाने के लिए व्याकुल देखा तो अंदर तक आत्मा कांप गई और लगा कि भूख के भी हाथ-पांव होते हैं। उसी दिन जोखू सोनकर ने प्रण किया कि वे इन बच्चों को भोजन उपलब्ध कराएंगे। अब उनकी जिंदगी की सुबह गरीब बच्चों के लिए भोजन पकाने से शुरू होती है। दस बजते-बजते वे भोजन लेकर विंध्याचल की उन बस्तियों की ओर निकलते हैं, जहां गरीब बच्चों की रिहाइश है। जब वे पहुंचते हैं बच्चे थालियां लेकर उनके पास दौड़े चले आते हैं क्योंकि जोखू की दिनचर्या का यह हिस्सा है कि वे प्रतिदिन सैकड़ों गरीबों की क्षुधा शांत करने का काम कर रहे हैं। अपनी कमाई का एक निश्चित हिस्सा वे इसी काम पर खर्च करते हैं, जिससे उन्हें आत्मिक संतुष्टि मिलती है। 

वृद्धाश्रम में करते हैं सेवा 

विंध्याचल का इकलौता वृद्धाश्रम जोखू सोनकर के ही मकान में चलता है। वैसे तो वृद्धाश्रम की व्यवस्था महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाता है लेकिन जोखू की आत्मीयता से वृद्धाश्रम के लोग यहां परिवार जैसा महसूस करते हैं। जोखू बताते हैं कि उनका पूरा परिवार इस काम में सहयोग करता है और सभी इसके लिए उत्साहित करते हैं। 

बच्चों के मेनू में यह भी

- पूड़ी-सब्जी, चावल

- दाल-चावल, चोखा

- दही-खिचड़ी, अचार

- सलाद-रायता, पापड़

- नूडल्स-सेवईं, खीर


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