फ्लाईओवर तैयार होने को फिलहाल साल भर करना होगा इंतजार
वाराणसी में प्रवासी दिवस पर फ्लाईओवर या उसके पास के हिस्से को साफ सुथरा रखने की मंशा भी अभी धूमिल होती दिखाई दे रही है।
वाराणसी, जेएनएन। चौकाघाट के बाद रोडवेज बस स्टैंड से लेकर कैंट स्टेशन और लहरतारा तक का सफर आप बिना पसीना पोछे पूरी कर लें तो भूल जाइए कि ऐसे सफर से बहुत जल्द अभी छुटकारा पाने वाले हैं। जी हां, विभाग चाहे कोई भी हो आपकी चिंताओं को लेकर अभी फिक्रमंद नहीं है। यहां तक प्रवासी दिवस पर फ्लाई ओवर या उसके पास के हिस्से को साफ-सुथरा रखने की मंशा भी अभी धूमिल होती दिखाई दे रही है।
60 फीसद ही काम हुआ पूरा :नगर के सबसे व्यस्त जगहों में से एक रोडवेज बस स्टैंड व कैंट रेलवे स्टेशन के पास के हिस्से को जाम मुक्त करने के लिए फ्लाई ओवर बनाने का काम शुरू हुआ। यूं लगा कि ये समस्याएं अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगी लेकिन, दिसंबर 2015 में 1784 मीटर लंबा फ्लाई ओवर बनाने का काम शुरू हुआ जिसमें तीन साल बाद मात्र 60 फीसद काम ही पूरा हुआ है, यानी 996 मीटर।
लगातार बढ़ीं समस्याएं : सुंदरीकरण के नाम पर पहले वीडीए सेतु निगम को कार्यालय हटाने का पत्र भेजता है। यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए सेतु निगम एसपी यातायात को पत्र भेजते हैं, बावजूद समस्याएं घटी कम बढ़ी ज्यादा हैं। एसपी यातायात 31 दिसंबर तक यातायात खोलने की बात तो कर रहे हैं लेकिन, बड़े हादसे की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सेतु निगम ऐसे झंझट मोल लेने से कतरा रहा है। ऐसे में फिलहाल गार्डर संख्या 47-53 तक जाम से निजात पाना मुश्किल ही है।
खतरे अपार : सेतु निगम भले ही फ्लाईओवर के नीचे सुरक्षा को लेकर निश्चित हो लेकिन, गार्डर संख्या 47-53 तक खतरे भी अपार हैं। ऊपर चल रहे काम के चलते नीचे सर्विस लेन पर गुजरते हजारों लोग खतरे में सफर कर रहे हैं। यहां सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है जबकि सेतु निगम के 35 लोग निगरानी में लगे हुए हैं। गार्डर पर रखे गए लोहे के बीम खतरे को ही दावत दे रहे हैं वहीं नीचे जमीन पर लोहे के बिखरे सामानों से भी खतरा है। बचते-बचाते सफर लोग कर तो रहे हैं लेकिन नुकीले लोहे के सामानों को ऐसे ही छोड़ दिया गया है।
प्रवासी दिवस समस्याएं बरकरार : एक तरफ प्रयागराज का महाकुंभ व दूसरी तरफ काशी में प्रवासी सम्मेलन पिछले कई सालों के बाद ऐसे दो बड़े आयोजन हो रहे हैं। ऐसे अवसरों पर भी विभागों की अति सक्रियता भी शहर की सुंदरता को निखार पाने में कामयाब नहीं हो सकेगी, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि तीन साल में मात्र 60 फीसद काम पूरा हुआ है। तोड़-फोड़ करके फ्लाई ओवर को ऊंचा करने की योजना के साथ वाई आकार का फ्लाई ओवर विद्यापीठ की ओर बनाने की तैयारी चल रही है, इतने काम को कुछ ही महीनों में पूरा करना मुश्किल ही है।