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वाराणसी में बाढ : गंगा और वरुणा ने शहर से लेकर गांव तक मचाई तबाही, शहर पानी-पानी Varanasi news

सामनेघाट नगवां अस्सी रमना आदि क्षेत्र में गंगा ने रौद्ररूप धारण कर लिया है वहीं दूसरी ओर वरुणा किनारे निचले हिस्सों के घरों में पानी घुसने से लोग दहशत में हैं।

By Edited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 02:06 AM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 08:10 AM (IST)
वाराणसी में बाढ : गंगा और वरुणा ने शहर से लेकर गांव तक मचाई तबाही, शहर पानी-पानी Varanasi news
वाराणसी में बाढ : गंगा और वरुणा ने शहर से लेकर गांव तक मचाई तबाही, शहर पानी-पानी Varanasi news

वाराणसी, जेएनएन। गंगा एवं वरुणा में बढ़ाव के कारण शहर से लेकर गांव तक बाढ़ का कहर जारी है। एक ओर जहां सामनेघाट, नगवां, अस्सी, रमना आदि क्षेत्र में गंगा ने रौद्ररूप धारण कर लिया है वहीं दूसरी ओर वरुणा किनारे निचले हिस्सों के घरों में पानी घुसने से लोग दहशत में हैं। आलम यह है कि लोग छतों पर या अन्य ठिकानों पर रहने को मजबूर हो गए हैं। कुछ लोगों को राहत शिविर में भी शिफ्ट किया गया है। हालांकि गुरुवार की शाम को गंगा के स्थिर होने की सूचना ने लोगों को राहत जरूर दी लेकिन प्रयागराज में लगातार बढ़ाव से लोगों की आफत बढ़ गई है।

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सुबह आठ बजे प्रति घंटे एक सेमी रफ्तार से गंगा के जलस्तर में वृद्धि देखी गई। इस दौरान जलस्तर 71.46 मीटर दर्ज किया गया और 10 घंटे बाद शाम छह बजे तक यह आंकड़ा 71.52 मीटर तक पहुंच गया। हालांकि इसी बीच तीन बजे के बाद जलस्तर स्थित हो गया था, लेकिन फिर रात को प्रति घंटे आधा सेमी की रफ्तार से गंगा बढ़ने लगीं। वहीं प्रयागराज में भी गंगा प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से बढ़ रहीं थीं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 20 सितंबर को भी वृद्धि जारी रहेगी। अनुमान है कि शुक्रवार सुबह आठ बजे तक जल स्तर 71.70 मीटर तक पहुंच जाएगा। प्रयागराज पर टिकी निगाहें वाराणसी में बाढ़ की तबाही के बीच प्रभावितों की निगाहें अब प्रयागराज की स्थिति पर टिकी हुई है। कारण कि जब तक वहां पर जलस्तर घटना शुरू नहीं होगा तो तब तक काशी में खतरा कम नहीं होगा।

फाफामऊ में भी गंगा 85.08 मीटर के साथ खतरे के निशान को पार कर गईं हैं। खतरे के निशान को पाकर स्थिर हुई घाघरा गंगा के साथ ही अन्य सहायक नदियों ने भी रौद्ररूप धार कर लिया है। बाराबंकी के एल्गिनब्रिज (106.42 मीटर), अयोध्या (92.90 मीटर) एवं बलिया के तुर्तीपार (64.08 मीटर) में घाघरा नदी बुधवार की रात को ही खतरे के निशान को पार कर गई। हालांकि सुबह आठ बजे तक जलस्तर स्थिर हो गया। यहां भी गुरुवार को जलस्तर बढ़ने की संभावना जताई गई है। आज भी जारी रहेगा बढ़ाव यमुना के रास्ते गंगा में चंबल के पानी पहुंचने से भी बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता रवींद्र सिंह ने बताया प्रयागराज से बलिया तक गंगा एवं एलग्निब्रिज से तुर्तीपार तक घाघरा में बढ़ाव जारी रहने की संभावना है।

जनपद- जलस्तर-खतरा-स्थिति

फाफामऊ- 85.45- 84.73- बढ़ना

प्रयागराज - 84.75 - 84.73- बढ़ना

मीरजापुर - 77.75- 77.72- बढ़ना

वाराणसी - 71.70- 71.26 - बढ़ना

गाजीपुर- 64.36- 63.10 - बढ़ना

बलिया 59.70 57.61 बढ़ना

(आंकड़े मीटर में)

-71.46 मीटर गुरुवार की सुबह 8 बजे दर्ज किया गया जलस्तर, 71.52 मीटर गुरुवार शाम 6 बजे तक दर्ज किया गया जलस्तर, 71.92 मीटर गुरुवार सुबह 8 बजे तेनुई में वरुणा का पानी।

- वाराणसी में अब तक गंगा 70.26 मीटर चेतावनी बिंदु, 71.26 मीटर खतरे का निशान,  72.57 मीटर 2016 में जल स्तर, 72.63 मीटर 2013 में जल स्तर 73.90 मीटर है उच्चतम जलस्तर

सितंबर में रहा है गंगा का सितम

87.98 मीटर फाफामऊ में आठ सितंबर

1978 को 88.03 मीटर प्रयागराज में आठ सितंबर

1978 को 80.34 मीटर मीरजापुर में नौ सितंबर

1978 को 93.90 मीटर वाराणसी में नौ सितंबर

1978 को 65.22 मीटर गाजीपुर नौ सितंबर

1978 को 60.39 मीटर बलिया 25 अगस्त 2016 को


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