बलिया में अचानक कटान आरंभ होने से अफरा-तफरी, गंगा के जलस्तर में भी बढ़ाव Baliya news
जगदीशपुर गांव में गुरुवार की सुबह लगभग 10 बजे अचानक कटान शुरू होने से किसानों में चिंता होने लगी। दोपहर तक लगभग दो बीघा उपजाऊ जमीन गंगा में विलीन हो गई।
बलिया, जेएनएन। क्षेत्र के जगदीशपुर गांव में गुरुवार की सुबह लगभग 10 बजे अचानक कटान शुरू होने से किसानों में चिंता होने लगी। दोपहर तक लगभग दो बीघा उपजाऊ जमीन गंगा में विलीन हो गई। वहीं हरिद्वार पांडेय का निर्माणाधीन मकान भी गंगा में विलीन हो गया। मकान गंगा में विलीन होते ही पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। कटान की तीव्रता को देखकर बस्तीवासी सुरक्षित स्थान पर भागने लगे। कटान दोपहर में लगभग दो घंटे तक रहा। कटान रुकने के बाद ग्रामाणों ने राहत की सांस ली और अपने घर वापस लौटे। वहीं कुछ देर बाद फिर कटान आरंभ हो गया किंतु कटान तुरंत रुक गया, तब ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
विगत 2016 में कटान के कारण हरिद्वार पांडेय का मकान गंगा में विलीन हो गया था। वह गांव से बाहर आकर वह अपने मकान का निर्माण कर रहे थे किंतु कटान के विकरालता के कारण आधा-अधूरा निर्माण के बाद मकान का निर्माण कार्य रोक दिया था। जिसे कटान ने एक बार पुन: अपने आगोश में ले लिया।
अचानक अपने पेटे में समाती जा रही गंगा : जलस्तर में गुरुवार के दिन प्रति घंटा तीन सेमी प्रति घंटा बढ़ाव दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग गायघाट केंद्र पर प्रात: आठ बजे गंगा का जलस्तर 57.06 मीटर दर्ज किया गया। गंगा खतरे के निशान से नीचे बह रही है। यहां खतरा बिंदु 57.615 मीटर है। वहीं दूसरी तरफ केहरपुर के पास हरेराम ब्रह्मचारी स्मृति के दक्षिण कटान से लगभग तीन बीघा उपजाऊ भूमि गंगा में विलीन हो गया। कटान से स्मृति स्थल की दूरी मात्र पांच से सात मीटर ही रह गई है। अगर इसी तरह कटान जारी रहा तो स्मृति स्थल के अस्तित्व पर खतरा मंडराने की संभावना बनी हुई है।