गाजीपुर में गंगा नदी खतरा बिंदु के पार, तटवर्ती इलाकों में शुरू हुई दुश्वारी, खेत खलिहान डूबे Gazipur news
गाज़ीपुर जिले में रविवार से ही बाढ़ का कहर जारी है गंगा में लगातार हो रहे बढ़ाव से तटवर्ती इलाकों को पार कर गांवों का रुख गंगा कर चुकी हैं।
गाज़ीपुर, जेएनएन। जिले में रविवार से ही गंगा में उफान के बाद से ही बाढ़ का कहर जारी है। गंगा के जलस्तर में लगातार हो रहे बढ़ाव से तटवर्ती इलाकों में अब दुश्वारियां बढ़ गई हैं। गंगा तटीय इलाकों को पार कर गांवों का रुख कर चुकी हैं। वहीं निचले ग्रामीण इलाकों में तेजी से गंगा का पानी फैल रहा है। अपेक्षा के विपरीत अचानक आई गंगा में बाढ़ से पुल से लेकर निचले इलाकों की सड़कें तक डूबी हुई हैं।
पटना गांव की सड़कें गंगा नदी के बाढ़ में डूबने से अब पलायन की स्थिति भी बनने लगी है। जिन रास्तों पर वाहन चलते थे वहां लोग नाव की सवारी करने को मजबूर हैं। कई गांवों में आने जाने का अब एक मात्र साधन नाव ही है। वहीं दूसरी ओर गंगा नदी में बढ़ाव की स्थिति अब भी बनी होने से प्रशासन के माथे पर भी चिंता की लकीरें पड़ने लगी हैं।
गंगा का पानी मुहम्मदाबाद क्षेत्र के सेमरा शिवरायकापुरा प्राथमिक विद्यालय के पश्चिम परती संख्या 9035 स्थित बस्ती में भी सुबह से ही फैलना शुरू हो गया है। दूसरी ओर सेमरा गांव पश्चिम सिरे से पानी गांव में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। भांवरकोल क्षेत्र धर्मपुरा भागड़ से होते पानी शेरपुर के सिवान से तमलपुरा तक आ चुका है। हरिहरपुर काली स्थान से पानी तिवारीपुर व बच्छलपुर भागड़ से होते आगे बढ़ रहा है। बाढ़ की स्थिति देख तटवर्ती गांवों के लो काफी परेशान दिख रहे हैं। वह सुरक्षित स्थानों पर जाने का मन बनाने लगे हैं।
वहीं गंगा में औड़िहार के बाराह घाट पर श्राद्ध का कार्य लोग बाढ़ के पानी में खेतों की ओर करने को मजबूर हैं। शादिभादि गांव में बाढ़ की पानी में तटवर्ती इलाके में बने मकानों में पानी घुसने से अब उनके गिरने का खतरा भी मंडरा रहा है। दरअसल शनिवार की रात तक जिले में चेतावनी बिंदु से ऊपर चल रही गंगा सोमवार की सुबह तक खतरा बिंदु पार कर गईं और पानी चारों ओर फैलने लगा। पानी फैलने से खेत खलिहान से लेकर मकान तक बाढ़ की जद में आ गए।
जिले में बाढ़ के हालात बनने की उम्मीद जिला प्रशासन को भी नहीं थी मगर मप्र से पानी छोडे जाने के बाद गंगा में उफान से पूर्वांचल के कई जिलों में पानी तबाही मचाने लगा है। समय न मिलने की वजह से जिला प्रशासन की ओर से कोई राहत और बचाव कार्य भी शुरू नहीं हो सकता है। वहीं निचले इलाकों में फंसे लोग अब बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे हैं। जहां अधिक जरूरत है वहां लोग नाव से ही शहर का सफर तय कर रहे हैं।