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वाराणसी लोकसभा : सबसे पहले शहर दक्षिणी और सबसे अंत में कैंट विस का परिणाम

वाराणसी लोकसभा सीट के शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र का परिणाम सबसे पहले आएगा।

By Edited By: Published: Mon, 20 May 2019 10:58 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 10:33 AM (IST)
वाराणसी लोकसभा : सबसे पहले शहर दक्षिणी और सबसे अंत में कैंट विस का परिणाम
वाराणसी लोकसभा : सबसे पहले शहर दक्षिणी और सबसे अंत में कैंट विस का परिणाम

वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी लोकसभा सीट के शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र का परिणाम सबसे पहले आएगा। सबसे अंत में कैंटोमेंट विधानसभा क्षेत्र का। क्योंकि सबसे कम मतदाता शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में और सबसे अधिक कैंट विधानसभा क्षेत्र में हैं। 23 मई को पहड़िया मंडी में मतगणना कराने को लेकर जिला प्रशासन ने अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली है। मतगणना में जिला प्रशासन ने 800 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई है। साथ में रिजर्व भी रखे गए हैं। पहड़िया मंडी में मतगणना कराने को लेकर जिला प्रशासन ने अपने स्तर से पूरी तैयारी कर ली है। कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के साथ उनकी विधानसभावार तैनाती कर दी है।

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उन कार्मिकों को अलग से पहचान पत्र जारी किया गया है जिससे अंदर प्रवेश करने में कोई परेशानी नहीं हो। सहायक रिटर्निग अफसर अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मतगणना कराएंगे। वाराणसी लोकसभा में कुल 1854541 मतदाता हैं, इनमें से कुल 1076561 मतदाताओं ने मतदान किया। इस लोकसभा में शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में कुल 296513 मतदाता है, इनमें 174201 मत पड़े। शहर उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 404014 मतदाता है, इनमें 225237 मत पड़े। रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में कुल 390884 मतदाता हैं, इनमें 229644 मत पड़े। इसी प्रकार सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में कुल 331183 मतदाता हैं, इनमें 204008 मत पड़े। कैंट विधानसभा क्षेत्र में कुल 431947 मतदाता हैं, यहां 235411 मत पड़े।

ऐसे शुरू होगी मतगणना प्रक्रिया

-पहड़िया मंडी में मतगणना स्थल पर सुबह 7 से 8 बजे तक कर्मचारियों और एजेंटों का होगा प्रवेश।

-सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू होगी।

-गिनती से पहले स्ट्रॉंग रूम से ईवीएम काउंटिंग टेबल पर लाया जाएगा।

-मतगणना पर्यवेक्षक सबसे पहले ईवीएम पर लगे सुरक्षा की जाच करेंगे। यह सुनिश्चित करेंगे कि ईवीएम से किसी तरह की छेड़छाड़ तो नहीं की गई है।

-पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू होने के बाद ही ईवीएम से गिनती शुरू होगी।

-मतगणना की पूरी प्रक्रिया से जुड़े सुपरवाइजर मतगणना एजेंट को बताएंगे कि कैसे ईवीएम का बटन दबाते हैं, उसके बाद हर उम्मीदवार के मतों की संख्या दिखेगी।

-प्रत्येक घटे में चार राउंड की गिनती होगी। -एक बार में 14 ईवीएम की गिनती की जाएगी।

-मतगणना (काउंटिंग) पर्यवेक्षक काउंटिंग एजेंट्स की मदद से मतों की गिनती शुरू होगी।

-मतों की गिनती कर रहा कर्मचारी हर उम्मीवार को पड़े वोट की संख्या दिखाने के बाद उसे लिखकर एआरओ को भेजेगा।

-हर चरण की गिनती के नतीजे की जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजी जाएगी। साथ में पूरी जानकारी चुनाव आयोग के सर्वर में फीड किया जाएगा।

-प्रत्येक राउंड के बाद ईवीएम डाटा और शीट में भरे गए डाटा का मिलान होगा।

-मिलान के बाद इसे एआरओ और प्रत्याशियों के एजेंटों को भी नोट कराया जाएगा।

-मतगणना स्थल पर लगे बोर्ड पर प्रत्येक राउंड के बाद वोटों की गिनती चस्पा की जाएगी।

-वोटों के गिनती की यह प्रक्रिया चलती रहती है जब तक मतगणना पूरी नहीं हो जाती।

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