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केंद्रीयकृत रसोई की पहली थाली जाएगी वाराणसी के सेवापुरी परिषदीय विद्यालय को, 25 हजार बच्चों से होगी शुरुआत

मार्च 2021 तक केंद्रीयकृत रसोई का कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य है। मध्याह्न भोजन की शुरुआत सेवापुरी ब्लाक वाराणसी से की जाएगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 11:43 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 01:30 PM (IST)
केंद्रीयकृत रसोई की पहली थाली जाएगी वाराणसी के सेवापुरी परिषदीय विद्यालय को, 25 हजार बच्चों से होगी शुरुआत
केंद्रीयकृत रसोई की पहली थाली जाएगी वाराणसी के सेवापुरी परिषदीय विद्यालय को, 25 हजार बच्चों से होगी शुरुआत

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में बन रही केंद्रीयकृत रसोई का निर्माण बीच में रुक गया था। अब यह कार्य फिर से शुरू हो गया है। मार्च 2021 तक केंद्रीयकृत रसोई का कार्य पूरा कर लेने का लक्ष्य है। मध्याह्न भोजन की शुरुआत सेवापुरी ब्लाक से की जाएगी। सेवापुरी ब्लाक में 124 परिषदीय विद्यालयों में करीब 25 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। ऐसे में प्रथम चरण की शुरुआत 25 हजार बच्चों से करने की योजना बनाई जा रही है। वहीं, जुलाई 2021 तक केंद्रीयकृत रसोई पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी। ऐसे में बनारस के परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अब जल्द ही गुणवत्तायुक्त मध्याह्न भोजन की उम्मीद जग गई है। 

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 50 करोड़ की लागत से शुरू हुआ था केंद्रीयकृत रसोई बनाने का कार्य

अक्षय पात्र फाउंडेशन ने करीब 50 करोड़ की लागत से अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में केंद्रीयकृत रसोई बनाने का कार्य अगस्त 2018 से शुरू किया था। मार्च 2021 तक पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा गया था। कोरोना महामारी के चलते निर्माण का कार्य करीब दो माह ठप रहा। डीएम कौशल राज शर्मा के निर्देश पर रसोई के निर्माण कार्य में एक बार फिर तेजी आ गई है। डीएम इसी साल दिसंबर से सेवापुरी ब्लाक के विद्यालयों से मध्याह्न भोजन की शुरुआत कराने पर बल दे रहे हैं। इसकी समीक्षा के लिए उन्होंने अक्षय पात्र फाउंडेशन के प्रतिनिधियों को बुलवाया भी है।

दिल्ली से चल दिए हैं राइस व दाल कालो ड्रम

बहरहाल चावल बनाने के लिए राइस कालो ड्रम, दाल बनाने के लिए दाल कालो ड्रम तीन दिन के भीतर आने की संभावना जताई जा रही है। दोनों ड्रम दिल्ली से चल भी दिए हैं। इसी प्रकार सब्जी काटने, छीलने व धोने का यंत्र इसी माह के अंत तक आने की उम्मीद है। चावल व दाल बनाने की एक मशीन की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये है। ऐसे ही रोटी बनाने की मशीन की कीमत करीब 50 लाख है। यह मशीन एक घंटे में करीब एक लाख रोटियां बनाएगी। चूल्हे का बर्नर लेबनान से आ रहा है। दो एकड़ भूमि में बन रहे केंद्रीयकृत रसोई क्षमता एक बार में एक लाख बच्चों के लिए भोजन बनाने की है।

150 इंसुलेटर वैन

अर्दली बाजार स्थित एलटी कालेज में बना भोजन जनपद के 1372 स्कूलों में इंसुलेटर वैन से भेजा जाएगा। फाउंडेशन इसके लिए करीब 40-40 लाख रुपये की 150 वैन मंगाएगा। इस वैन में दस घंटे तक खाना गर्म रखा जा सकता है।


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