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सावन के पहले सोमवार को 12 हजार श्रद्धालुओं ने किया बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन, कोरोना से काशी सूनी

Sawan 2020 आज यानी सोमवार से श्रावण मास की शुरूआत हो गई है। वहीं वाराणसी में शिव भक्‍त बाबा के दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे रहे हैं। हालांकि कोरोना की वजह से काशी सूनी दिख रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 07:00 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 01:02 AM (IST)
सावन के पहले सोमवार को 12 हजार श्रद्धालुओं ने किया बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन, कोरोना से काशी सूनी
सावन के पहले सोमवार को 12 हजार श्रद्धालुओं ने किया बाबा विश्‍वनाथ का दर्शन, कोरोना से काशी सूनी

वाराणसी, जेएनएन। Sawan 2020 आज यानी सोमवार से श्रावण मास की शुरूआत हो गई। भक्त शिवालयों में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं। दर्शन-पूजन कर परिवार व सुख-समृद्धि के साथ ही वैश्विक महामारी से निजात दिलाने की कामना भी कर रहे हैं। वहीं बाबा श्री काशी विश्वनाथ दरबार में शिव भक्तों के पहुंचने का क्रम जारी है। हालांकि इस बार कोरोना का असर दिख रहा है और जहां पहले श्रद्धालुओं रेला उमड़ पड़ता था, वहीं सावन के पहले सोमवार के दिन बहुत कम लोग दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे हैं।

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कोरोना संकट के कारण इस साल बाबा भक्त श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार पहुंचे जरूर लेकिन संख्या बेहद कम रही। सावन सोमवार के पिछले साल के आंकड़ों के सापेक्ष यह संख्या पांच फीसद ही रही। ज्यादातर लोगों ने आसपास के शिवालयों में जलाभिषेक किया या घर में ही पूजन-अनुष्ठान के विधान पूरे किए। मंदिर प्रशासन के अनुसार शयन आरती तक लगभग 12 हजार श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन और जलाभिषेक किया। 

सुबह साढ़े चार बजे से ही कतार में खड़े हो गए थे भक्त

श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से बैरिकेडिंग करा कर उसमें रेड कारपेट बिछाया गया है। श्रावण मास के प्रथम दिन सारनाथ के सारंगनाथ महादेव मंदिर पर सुबह साढ़े चार बजे से ही भक्त कतार में खड़े हो गए थे। मंदिर के गर्भगृह के बाहर से ही मास्क और शारीरिक दूरी का ध्यान में रखते हुए भक्तों ने दर्शन-पूजन किए। वहीं केदार घाट से जल लेने के बाद विभिन्न शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए यादव बंधु पहुंचे। हालांकि केदारेश्वर महादेव मंदिर में यादव बंधुओं की संख्या गिनकर ही उन्‍हें अंदर जाने दिया गया। मंदिर में प्रवेश से पहले सभी का थर्मल स्कैनिंग किया जा रहा है।

मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचो पांडव प्रवेश द्वार से प्रवेश

मंदिर में प्रवेश और निकास के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से तीन अलग अलग मार्ग तैयार किए गए हैं।  मैदागिन की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं को गेट नंबर 4 के पांचो पांडव प्रवेश द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है जहां से श्रद्धालु रानी भवानी उत्तरी होते हुए गर्भ गृह के पूर्वी द्वार पर दर्शन कर दूसरे मार्ग से बाहर जा रहे हैं।

बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालु मुक्तेश्वर द्वार से कर रहे प्रवेश

वहीं दूसरा मार्ग गेट नंबर 4 छत्ता द्वार है जिसमें श्रद्धालु बद्रीनाथ प्रवेश द्वार से प्रवेश करते हुए गर्भगृह के उत्तरी दरवाजे पर दर्शन करते हुए पुनः उसी दरवाजे से बाहर श्रृंगार गौरी की तरफ से वापस आ रहे हैं। तीसरा मार्ग बांस फाटक से आने वाले श्रद्धालु ढुंढिराज गणेश, अन्नपूर्णा मंदिर होते हुए अभी मुक्तेश्वर द्वार से प्रवेश कर रहे हैं और गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे पर बाबा का दर्शन कर हनुमान मंदिर द्वार से होते हुए नंदू फारिया गली से बाहर निकल रहे हैं। तीनों मार्ग में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसलिए मंदिर प्रशासन द्वारा सभी प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग करने की व्यवस्था की गई है। 

मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर किया जा रहा सेनेटाइज 

कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल, पेन घड़ी, पेनड्राइव आदि को लेकर मंदिर में  लेकर जाने की अनुमति नहीं है। मंदिर परिसर में किसी विग्रह, दीवार, या रेलिंग को स्पर्श करने भी नहीं दिया जा रहा। मंदिर परिसर को हर 6 घंटे पर सेनेटाइज किया जा रहा है। आपात स्थिति के लिए चिकित्सक और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात है। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है। श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से शौचालय बनवाया गया है। इसके साथ ही इसके लिए जगह जगह सूचना पट्ट भी लगेगा ताकि श्रद्धालु आसानी से शौचालय तक पहुंच सकेंगे। 

चार एडिशनल एसपी संभालेंगे सुरक्षा की कमान, ड्रोन कैमरे से हर गतिविधि पर नजर 

सुरक्षा के दृष्टिकोण से चार जोन और 20 सेक्टर में विभाजित कर सभी जोन के मुख्य अधिकारी क्षेत्र अधिकारियों को बनाया गया है। चार एडिशनल एसपी, पांच क्षेत्राधिकारी समेत 350 पुलिसकर्मी व चार कंपनी पीएसी बल लगाई गई है। साथ एटीएस की भी टीम लगाई गई है।  ड्रोन कैमरे से भी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा गया है जिसमें 40 महिलाओं को सिविल ड्रेस में लगाया गया है किसी तरह की कोई असुविधा ना हो जिसके लिए हर विभाग को अलर्ट कर दिया गया है।


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