शहर में जाम तो रेस्पांस टाइम कैसे चढ़े परवान, 24 से 26 मिनट में पहुंच रहा फायर ब्रिगेड
अग्निशमन प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लागू कर रहा लेकिन तैयारियां मुकम्मल जमीन पर उतर नहीं पा रहीं।
वाराणसी, [राकेश श्रीवास्तव]। शहर में लगने वाला जाम अग्निशमन विभाग के रेस्पांस टाइम (निर्धारित समय) में रोड़े अटका रहा है। अग्निशमन प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्थाओं को लागू कर रहा, लेकिन तैयारियां मुकम्मल जमीन पर उतर नहीं पा रहीं। बचाव कार्य में विलंब से जोखिम व नुकसान बढऩे आशंका उठ खड़ी हुई है। डीजीपी की वीडियो कांफ्रेंसिंग में मुरादाबाद के एक अधिकारी ने जरूरी सेवाओं के लिए अतिरिक्त मार्ग की मांग उठाई थी, जिस पर गौर नहीं फरमाया जा सका।
यूं खड़ी हो रही मुश्किल
शहर में अग्निशमन कार्यालय चेतगंज, भेलूपुर व ज्ञानवापी में है। इनके जरिए 15 किमी. एरिया वाले शहर को कवर करने की जिम्मेदारी है। तीनों केंद्रों के व्यस्ततम इलाके से गुजरने के कारण तेजी दिखाने के बावजूद मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले पा रहीं।
गर्मियों में वैकल्पिक व्यवस्थाएं
अग्निशमन प्रशासन ने बड़ागांव, पहडिय़ा, चोलापुर में फायर हाईट्रेंड एवं बिग्रेड के इंतजाम किए हैं। यह व्यवस्था भी गर्मियों के लिए ही है। जबकि आग सिर्फ गर्मियों में लगेगी, ऐसा सोचना मुश्किल है। अग्निकांड पर अंकुश को अग्निशमन केंद्र की स्थापना ही एक विकल्प होगी।
दुश्वारियों में बचाई 7.48 करोड़ की संपत्ति
वर्ष 2018 में अग्निकांड की 111 घटनाएं हुईं। इनमें 110 घटनाएं सत्य निकलीं, जबकि एक मिथ्या रही। 1.14 करोड़ की संपत्ति आग की भेंट चढ़ गई। लपटों के लड़ाकों ने 7.48 करोड़ की संपत्ति बचाई। अग्निकांड में 8.83 करोड़ की संपत्ति जोखिम में पड़ी थी।
'रेस्पांस टाइम औसतन 23 मिनट है। हालांकि, आग किस इलाके में कहां लगी है, एप्रोच मार्ग कैसा है? इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है। इसे और कम करने का प्रयास जारी हैं।
अनिमेष सिंह, सीएफओ
जनता में सेफ्टी कल्चर डेवलप करना होगा : मीणा
पुलिस महानिरीक्षक विजय सिंह मीणा ने कहाकि अग्निकांड पर अंकुश को इंतजाम किए जा रहे हैं। शहर में जलापूर्ति की पाइपों से पानी की व्यवस्था (वाटर हाईड्रेंट) की जाएगी। अग्निशमन यंत्रों से लैस बाइकों के लिए यह तैयारी मील का पत्थर साबित होगी। जनता में सेफ्टी कल्चर डेवलप करने की जरूरत है, देश में स्वच्छता अभियान की तरह।
आग से बचाव के सुझाए उपाय
दमकल विभाग की टीम ने चेतगंज स्थित संतलाल इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी संस्थान में अग्निकांड पर अंकुश व बचाव के उपाय सुझाए। अग्निशमन अधिकारी योगेंद्र चौरसिया ने बताया कि भवन में वेंटिलेशन होना जरूरी है, ताकि आग लगने पर भवन में धुआं भरने न पाए। बचाव को चेहरे पर गीला कपड़ा जरूर बांध लें। सेफ जोन में आने तक सांस कम से कम लेना चाहिए। दीवार पकड़कर किनारे-किनारे बाहर निकलें।
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