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वाराणसी में जल निगम की फाइलें गायब होने के मामले में एफआइआर दर्ज, जांच टीम गठित

वाराणसी में सारनाथ के बरईपुर स्थित जल निगम कार्यालय से फाइलों के गायब होने के मामले में विभागीय स्तर पर जांच शुरू हो गई है तो पुलिस ने एफआइआर भी दर्ज कर ली है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 09:52 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 01:39 PM (IST)
वाराणसी में जल निगम की फाइलें गायब होने के मामले में एफआइआर दर्ज, जांच टीम गठित
वाराणसी में जल निगम की फाइलें गायब होने के मामले में एफआइआर दर्ज, जांच टीम गठित

वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ के बरईपुर स्थित जल निगम कार्यालय से फाइलों के गायब होने के प्रकरण को लेकर मंगलवार को विभागीय स्तर पर जांच शुरू हो गई है तो पुलिस ने रात में एफआइआर भी दर्ज कर ली है। घटना 17-18 जुलाई की रात होने की आशंका जाहिर की जा रही है क्योंकि 18 जुलाई की सुबह जब कर्मचारी कार्यालय पहुंचे थे तो आलमारी खुली मिली। तलाशी ली गई तो उसमें रखे दस्तावेज गायब थे। दो दिनों तक फाइलों की खोजबीन की गई लेकिन जब नहीं मिली तो सहायक अभियंता कुलदीप प्रजापति ने सारनाथ थाने में तहरीर देकर फाइलों की गुमशुदगी दर्ज कराई। इस मामले में जल निगम के मुख्य अभियंता एके पुरवार ने विभागीय दो सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है जिसने हर पहलुओं पर गौर करते हुए मामले की तह तक जाने की कवायद शुरू की है। जांच टीम में जल निगम के अधीक्षण अभियंता आरके बंसल व एकाउंट आफिसर के प्रसाद को शामिल किया गया है।

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चार्ज से पहले मांगी थी मुकम्मल सूची

इस मामले का दूसरा पहलू यह भी है कि जिस अधिशासी अभियंता अंकुर श्रीवास्तव की निगरानी में ये फाइलें, एफडी, एनएससी समेत अन्य बांड  रखे गए थे उन्होंने अब तक अपना चार्ज गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक एसके बर्मन को नहीं दिया है। चूंकि, शासनादेश के बाद जल निगम निर्माण खंड को गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई में समावेश कर दिया गया है इसलिए चार्ज लेने से पहले एसके बर्मन ने कार्यालय में फर्नीचर से लेकर आलमारी, फाइलों समेत अन्य की मुकम्मल सूची मांगी थी। इसे दिए बिना ही बलिया स्थानांतरित हुए अंकुर श्रीवास्तव ने वहां जाकर ज्वाइन कर लिया। इस बीच फाइलें गायब हो गईं। इसको लेकर एसके बर्मन का कहना है कि बिना मुकम्मल सूची के वह चार्ज नहीं लेंगे।

जांच के दायरे में कई कर्मचारी

पुलिस की जांच के दायरे में कई कर्मचारी होंगे। विभागीय जांच में भी इन पहलुओं को बारीकी से देखा जाएगा। इसमें कैशियर हर्ष जायसवाल से सबसे पहले पूछताछ हो सकती है क्योंकि आलमारी इनकी सुपुर्दगी में थी। इसके अलावा रात को कार्यालय परिसर में तैनात सुरक्षा कर्मी, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट के आपरेटर भी होंगे क्योंकि अब तक की पूछताछ में घटना 17-18 जुलाई की रात घटित होने की बात सामने आई है। जल निगम वाराणसी के मुख्य अभियंता एके पुरवार का कहना है कि 'पुलिस एफआइआर भी हुआ और विभागीय जांच भी कराई जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही घटना की हकीकत सामने आ जाएगी। इसमें शामिल दोषियों पर विभागीय कार्रवाई होगी।


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