लॉकडाउन में मां विंध्यवासिनी के गर्भगृह में पहुंचने और चरण स्पर्श करने पर पैथालॉजी सेंटर संचालक के खिलाफ FIR
मीरजापुर में लॉकडाउन के दाैरान मां विंध्यवासिनी के गर्भगृह में पहुंचने और चरण स्पर्श करने पर पैथालॉजी सेंटर संचालक के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है।
मीरजापुर, जेएनएन। कोरोनावायरस संक्रमण के चलते विंध्वासिनी मंदिर में अनुमति प्राप्त तीर्थ पुरोहितों के अलावा अन्य किसी का प्रवेश निषेध है। फिर भी इस नियम को तोड़कर प्रतिदिन दर्जनों श्रद्धालु श्रृंगार के समय झांकी पर खड़े होकर दर्शन कर रहे हैं। एक पैथालॉजी सेंटर संचालक ने मध्याह्न आरती के समय न सिर्फ मंदिर पहुंचा बल्कि गर्भगृह में प्रवेशकर मां विंध्यवासिनी का चरण स्पर्श भी किया। मामले की जानकारी सार्वजनिक होने पर पुलिस अधीक्षक डा. धर्मवीर सिंह ने मामले की जांच क्षेत्राधिकारी नगर सुधीर कुमार को सौंपी।
जांच के बाद थाना प्रभारी वेदप्रकाश राय ने महामारी अधिनियम के तहत उक्त व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत किया है। वहीं लोगों का कहना है कि इससे एक बात तो स्पष्ट हो गई कि विंध्यवासिनी मंदिर पर सुरक्षा व्यवस्था एकदम छिन्न-भिन्न हो गई है। इतने सीसी कैमरे व पुलिसबल की तैनाती के पश्चात अगर कोई व्यक्ति गर्भगृह तक पहुंच सकता है तो क्या मंदिर इस व्यवस्था से सुरक्षित रह सकता है, पुलिस स्वयं को असहज महसूस कर रही है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि जिस पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है वह तो मात्र एक चेहरा है। विंध्य पंडा समाज के मंत्री भानु पाठक ने कहा कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए मंदिर 22 मार्च से बंद है। हमारे समाज के पंडा भी मंदिर दर्शन नहीं कर रहे हैं। ऐसे हालात में बाहर के लोग कैसे मंदिर पहुंचे और नियम तोड़ा है, उसके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।