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जौनपुर का नाम कर रहे रोशन, सिनेमा से समाज को संदेश देने के जुनून ने बनाया निर्माता

डोभी इलाका हर क्षेत्र में उर्वर है, यहां के लोग साहित्य और प्रशासनिक सेेवा सहित विभिन्न क्षेेत्रों में परचम लहरा रहे हैं तो अब फिल्म उद्योग को बढ़ाने में भी पीछे नही है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sun, 27 Jan 2019 09:18 PM (IST)Updated: Mon, 28 Jan 2019 08:05 AM (IST)
जौनपुर का नाम कर रहे रोशन, सिनेमा से समाज को संदेश देने के जुनून ने बनाया निर्माता

जौनपुर [सतीश सिंह]। प्रतिभाएं किसी की मोहताज नहीं होतीं। जौनपुर का डोभी इलाका हर क्षेत्र में उर्वर है। यहां के लोग साहित्य और प्रशासनिक सेेवाओें सहित विभिन्न क्षेेत्रों में परचम लहरा रहे हैं तो अब फिल्म उद्योग को बढ़ाने में भी यह इलाका पीछे नही है। हम बात कर रहे हैं डोभी के थून्ही गांव निवासी पीयूष सिंह की। सिनेमा के जरिए समाज को संदेश देने के इनके जुनून ने इनको बालीवुड का निर्माता बना दिया। कई वर्षो की कड़ी अब तक वह कई सफल फिल्म दे चुके हैं तो शार्ट फिल्म के लिए वर्ष 2016 का फिल्म फेयर अवार्ड भी जीत चुके हैं। 

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प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद वे लखनऊ विश्वविद्यालय से 1996 में स्नातक किए। इसके बाद इनका रुझान फिल्मों की तरफ हुआ। परिणाम रहा कि काफी संघर्ष के बाद 1999 से लेकर 2004 तक पांच से सात सफल धारावाहिक का निर्माण किया। इसमें सहारा के लिए राज द थ्रिलर, वो कौन, ईटीवी के लिए जूही, चैनपुर की दास्तान, इटीवी राजस्थान प्रीत न जाने रीत, इटीवी मराठी के लिए करैला कैलो डोयतो है।

इसके बाद वर्ष 2014 में शार्ट फिल्म के निर्माण के लिए काम शुरू किया तो 12 मिनट की तांडव नाम की शार्ट फिल्म बनाई। इसके चलते फिल्म फेयर ने पहली बार शार्ट फिल्म का चयन करते हुए अवार्ड से नवाजा। हाल फिलहाल फिल्मों की बात की जाए तो उनकी तीन फिल्मे जल्द ही थिएटर में लगने वाली है। उसमें 2.10 घंटे की ऑफ बीट फिल्म भोंसले है, इस फिल्म के वह निर्माता है। फिल्म के मुख्य अभिनेता मनोज वाजपेयी तो अभिनेत्री इस्पिता हैं। यह मानवीय रिश्तों पर आधारित है। फिल्म अप्रैल में सिनेमा घरों में रिलीज होगी। अब तक यह आठ से दस अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में दिखाई जा चुकी है। इसके अलावा दक्षिण के सुपर स्टार धनुष को लेकर सुपरहिट फ्रेंच नावेल पर आधारित फिल्म बनकर तैयार है। जिसका नाम एक्स्ट्रा आर्डनरी जर्नी ऑफ फकीर है। यह भी अप्रैल में चार भाषाओं फ्रेंच, इंग्लिश, तमिल, हिंदी में एक साथ 700-800 सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज होगी। इसकी निर्माण लागत करीब 100 करोड़ है। इसके अलावा वह बतौर सह निर्माता नक्काश फिल्म को लेकर आ रहे हैं। पीयूष सिंह ने बताया कि आज के डिजिटल युग ने फिल्म निर्माण को काफी सरल व सस्ता कर दिया है। यह आसानी से ज्यादा लोगों तक सुलभ हो रही है।

सिंगापुर फिल्म फेस्टिवल का आयोजन : पीयूष सिंह ने सिंगापुर साउथ एशियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का आयोजन वर्ष 2016 से कर रहे हैं। इसके वह सह निदेशक भी हैं। यहां बांग्लादेश, भूटान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, श्रीलंका समेत शार्क देशों की 35-40 फिल्मे दिखाते हैं। अभिनय का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। डिजिटल वेबसाइट पर मूवीस डॉट काम की वर्ष 2013 में स्थापना की। इंटरनेशनल फंडेड इस

साफ्टवेयर के वह संस्थापक है। जिसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की कला को एक मंच मिल सके।


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