तहसील कर्मियों की लापरवाही, पोर्टल पर गलत फीडिंग का खामियाजा भुगत रहे किसान
तहसील कर्मियों की लापरवाही से किसान सम्मान निधि पोर्टल पर गलत फीडिंग का खामियाजा कृषकों को भुगतना पड़ रहा है।
गाजीपुर, जेएनएन। किसान सम्मान निधि पोर्टल पर गलत फीडिंग का खामियाजा कृषकों को भुगतना पड़ रहा है। तहसील कर्मियों की लापरवाही जहां पात्रों की मंशा पर पानी फेर रहा है वहीं सरकार की महत्वपूर्ण योजना के लाभ से उन्हें वंचित होना पड़ रहा है। सत्यापन के दौरान किसानों से लिए गए कागजात मौजूद होने के बावजूद घोर लापरवाही बरती जा रही है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि सब कुछ जानते हुए भी उच्चाधिकारियों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
किसानों का आय दोगुना करने के लिए शासन की ओर से जहां कई योजनाएं चलाई जा रही हैं वहीं कर्मचारी उसमें पलीता लगाने में तनिक भी देर नहीं लगा रहे हैं। यही कारण है कि अब तक किसान सम्मान निधि योजना के तहत लाभार्थी कृषकों के भेजे गए डाटा में गलती होने के चलते शासन बार-बार सत्यापन के लिए कृषि विभाग को सूची भेज रहा है। कृषि विभाग उसे तहसील पर भेजकर सत्यापन तो करा रहा है, लेकिन डाटा की फीडिंग करने वाले कर्मचारी आधार, खाता संख्या व आईएफएससी कोड का ब्योरा गलत भरकर भेज दे रहे हैं। जबकि लेखपालों द्वारा सत्यापन के दौरान किसानों से लिए गए कागजातों से मिलान करने के बजाए जैसे- तैसे कोरम पूर्ण कर जहां डाटा फीडिंग में लगे कर्मचारी अपनी इतिश्री कर ले रहे हैं। वहीं तहसील स्तरीय जिम्मेदार अधिकारी यह दोष किसानों पर ही मढ़कर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं। ऐसी स्थित में प्रथम बार में चयनित करीब दो लाख से ऊपर कृषक लाभ से पूरी तरह से वंचित हो रहे हैं। वहीं शिकायत के बावजूद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।