Move to Jagran APP

बनारस का वह चर्चित जायका, जिसके पीएम नरेन्‍द्र मोदी भी हो गए मुरीद, जानिए बनारसी मिठास की विशेषता

करखियांव में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बनारस की चर्चित मिठाइयों का जिक्र कर बनारसी जायके की देश को याद दिला दी है। अब वाराणसी की इन खास मिठाइयों और पेय को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 05:12 PM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 05:12 PM (IST)
प्रधानमंंत्री ने भाषण में बनारस की चर्चित मिठाइयों का जिक्र कर बनारसी जायके की देश को याद दिला दी है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। करखियांव में प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में बनारस की चर्चित मिठाइयों का जिक्र कर बनारसी जायके की देश को याद दिला दी है। अब वाराणसी की इन खास मिठाइयों और पेय को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। लोगों में इस बात की भी चर्चा है कि लस्‍सी और रसगुल्‍ला तो ठीक है लेकिन यह लौंगलता और मलइयो भला क्‍या चीज है? जी हां, बनारस की खास मिठाई लौंगलता और मलइयो अपनी अलग ही विशेषता रखते हैं। दरअसल इन मिठाइयों को बनाने में खास तकनीक का ख्‍याल रखा जाता है। लौंगलता में जहां लौग का जायका होता है तो वहीं मलइयो ओस की बनी मिठाई है जिसे मुह में रखते ही यह पूरी तरह घुल जाता है। आप समझ ही नहीं सकेंगे कि मलइयो खाया या पीया यह राज आज तक खाने वाला भी नहीं समझ सका है। आइए जानते हैं कैसे बनती है यह खास मिठाइयां और सुस्‍वादु बनारसी लस्‍सी संग विशिष्‍ट बनारसी रसगुल्‍ला।

loksabha election banner

ओस की बूंदों से बनाई जाती है ये खास बनारसी मिठाई

बनारसी साड़ी और बनारस का पान तो दुनियाभर में लोकप्रिय है लेकिन क्या आपने कभी बनारस की इस खास मिठाई के बारे में सुना है। हम बात कर रहे हैं बनारस में बनने वाली एक खास मिठाई की जो ओस की बूंदों से तैयार की जाती है। ये इतनी लजीज होती है कि देखते ही आप खुद को कंट्रोल नही कर पाएंगे। बनारस की ये खास मिठाई है 'बनारसी मलाइयों'। इस मिठाई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बनाने में ओस की बूंदों का उपयोग किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह मिठाई केवल सर्दी के तीन महीनों में ही बनाई जाती है।

इस मिठाई को बनाने के लिए सबसे पहले कच्चे दूध को बड़े-बड़े कड़ाहों में खौलाया जाता है। फिर इसके बाद रात में उस खौले दूध को खुले आसमान के नीचे रख दिया जाता है। पूरी रात ओस पडऩे की वजह से इसमें झाग पैदा होता है। सुबह दूध को मथनी से मथा जाता है। फिर इसकेबाद छोटी इलायची, केसर एवं मेवा डालकर पुन: मथा जाता है। इसकी विशेषता यह है कि इसे कुल्हड़ में डालकर बेचा जाता है।

लाैंगलता एक पारंपरिक मिठाई

लाैंगलता एक पारंपरिक मिठाई है। यह बहुत ही कम समय में बनकर तैयार होता है। इसमें मैदा, खोवा के साथ ही लौंग का प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग इसे ‘लौंग लतिका’ भी कहते हैं। बनारस की हर दुकान पर ये करीने से सजी हुई रखी रहती है। जो काशी आता है, वो एक बार इसका स्वाद जरूर चखता है।

बनारसी लस्सी

बनारसी लस्सी भी यहां की पहचान है। काशी आने वाले पर्यटक इसका स्‍वाद खास ताैर से लेते हैं। यहां आने वाले विदेशी भी इसका स्वाद जरूर चखते हैं। चौक इलाके की कचौड़ी गली में ‘ब्लू लस्सी’ के नाम से एक दुकान है। यहां आपको सेब, केला, अनार, आम और रबड़ी समेत हर फ्लेवर की लस्सी मिल जाएगी। लंका में पहलवान की लस्‍सी, चौक, बांसफाटक, मैदागिन, गोदौलिया की लस्‍सी बहुत ही खास है। वहीं रामनगर में लस्‍सी के साथ रबड़ी का प्रयोग करके इसे स्‍वादिष्‍ट बनाया जाता है।

बनारसी छेने की मिठाई के स्‍वाद

बनारसी मिठाई कई प्रकार से बनती है। छेने से हो या खोवा सभी का स्‍वाद बहुत ही खास होता है। यहां मिठाई की पंरपरा बंगाल से आई है। सभी दुकानों में बंगाल के बाकुंड़ा जिले से आए हुए हलवाई ही कार्यरत है। यहां रसगुल्‍ला, गुलाब जामुन, राजभोग, रसमलाई, खीरमोहन, मलाई गिलोरी, चमचम, खीर कदम खास है। दीपावली, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा व भैया दूज के पर तरह के तरह के मिष्ठान्न दुकानों पर उपलब्ध है। इसकी कवायद आसान नहीं होती। स्वाद के लिए बेहतर कारीगर चाहिए। हलवाई जुटाने के लिए नामचीन प्रतिष्ठानों को मशक्कत करनी पड़ती है। त्योहार के पर्व कुशल हलवाई के लिए अघोषित बोली लगती है। मिठाई के अधिष्ठाता अपने पुराने कारीगरों के साथ कुछ विशेष को जोड़ने में जुटे रहते हैं।

यह भी पढ़ें प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने मलइयो, लस्‍सी, लौंगलता और रसगुल्‍ला का जिक्र कर बनारसी मिठास को दी ऊंचाई


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.