निर्यातक विश्व बाजार पर रखें पैनी नजर, सीईपीसी व डीजीएफटी के सेमिनार में बोले जिलाधिकारी
सीईपीसी और डीजीएफटी के संयुक्त सेमिनार में जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि निर्यातक विश्व बाजार पर पैनी रखें ।
भदोही, जेएनएन। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) और विदेश व्यापार विभाग वाराणसी (डीजीएफटी) के संयुक्त तत्ववधान में मंगलवार को कालीन भवन में सेमिनार का आयोजन किया गया। निर्यात को बढ़ावा देने पर बल दिया गया। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि निर्यातक विश्व बाजार पर पैनी रखें । नजर प्रधानमंत्री का प्रयास है कि निर्यात बढ़े। उन्होंने समस्याओं को दूर करने के लिए खाका भी तैयार किया है। बताया इसके लिए जिला स्तर पर निर्यात बंधु का गठन किया गया है।
देश के कुल निर्यात में उप्र की हिस्सेदारी 45 फीसद
महानिदेशक विदेश व्यापार अमित कुमार ने प्रोजेक्टर से विभिन्न देशों के निर्यात आंकड़ों पर प्रकाश डाला। निर्यात बढ़ाने के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी भी दी। बताया कि देश के कुल निर्यात में उप्र की हिस्सेदारी 45 फीसद है, इसे बढ़ाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा ठोस कदम उठाया जा रहा है। बताया कि कालीन उद्यमियों को भी प्रमुख बाजारों पर पकड़ बनाने की जरूरत है। उन्होंने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से लोगों को कालीन आयातक देशों की हिस्सेदारी पर प्रकाश डाला। सीईपीसी चेयरमैन सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि भदोही परिक्षेत्र का कालीन व्यवसाय इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। इसके कई कारण हैं। चाइना में व्याप्त कोरोना वायरस को ताजा कारण बताते हुए कहा कि इससे कालीन उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। मंदी का यह हाल है कि लोगों के पास काम नहीं है। उत्पादन ठप है। दूसरे व्यवसाय व शहरों की ओर रुख करने को उद्यमी विवश हैं। यह पलायन नहीं थमा तो भविष्य में कालीन परिक्षेत्र को खराब देखने पडेंगे। उन्होंने कहा कि जहां जहां मशीनमेड कालीनों का निर्माण हो रहा है उनका ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। हैंड नाटेड कालीन के निर्यात में कमी आई है। वाणिज्य व वस्त्र मंत्रालय के समक्ष निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा कर रहे हैं। एकमाध्यक्ष ओंकारनाथ मिश्र, मानद सचिव हाजी शाहिद हुसैन, उपाध्यक्ष अब्दुल हादी, उमेश गुप्ता मुन्ना, वेदप्रकाश गुप्ता व राजेंद्र मिश्र आदि मौजूद रहे। संचालन पीयूष बरनवाल ने किया।