एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन मेडल : अपराधियों को अंजाम तक पहुंचाने वाले वाराणसी, गाजीपुर और सोनभद्र के पुलिसकर्मियों का सम्मान
पूर्वांचल के तीन पुलिसकर्मियों को वर्ष 2022 के केंद्रीय गृह मंत्री जांच उत्कृष्टता पदक के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार वाराणसी के सब इंस्पेक्टर सूरज कुमार तिवारी गाजीपुर के रहने वाले इंस्पेक्टर शैलेश कुमार राय और सोनभद्र में तैनात इंस्पेक्टर भैया शिव प्रसाद सिंह को भी मिला है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। पूर्वांचल के तीन पुलिसकर्मियों को वर्ष 2022 के केंद्रीय गृह मंत्री जांच उत्कृष्टता पदक के लिए चयनित किया गया है। यह पुरस्कार एमबीबीएस में दाखिला कराने वाले अंतरराज्यीय साल्वर गैंग का पर्दाफाश करने वाले वाराणसी के सब इंस्पेक्टर सूरज कुमार तिवारी, युवती से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले आठ बदमाशों को पकड़ने वाले गाजीपुर के रहने वाले इंस्पेक्टर शैलेश कुमार राय और दुष्कर्म के बाद बालिका की हत्या के दोषी को पकड़ने वाले सोनभद्र में तैनात इंस्पेक्टर भैया शिव प्रसाद सिंह को भी मिला है। आइये जानते हैं कैसे अपनी जांच के दम पर तीनों पुलिस अफसरों ने बहुत कम समय में शातिर अपराधियों को जेल की सींखचों के पीछे पहुंचाया...
देशभर में फैले नीट साल्वर गिरोह का किया राजफाश
वाराणसी : पिछले साल 13 सितंबर को देशभर में नीट की परीक्षा हो रही थी। वाराणसी में पुलिस को सूचना मिली कि पुराना पुल स्थित सेंट फ्रांसिस कालेज में अभ्यर्थी की जगह एक साल्वर परीक्षा दे रही है। पुलिस ने मूल अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दे रही पटना की रहने वाली और बीएचयू में बीडीएस की दूसरे साल की छात्रा जूली कुमारी और उसकी मां को गिरफ्तार किया। पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच उस समय सारनाथ थाने के सरायमोहाना चौकी प्रभारी रहे सूरज कुमार तिवारी को दी। सूरज बताते हैं कि जांच शुरू की तो गैंग की जड़ें बिहार, त्रिपुरा, कर्नाटक, कोटा से लेकर देश के कई जगहों तक फैली मिलीं। इसके सदस्यों में नामी-गिरामी डाक्टरों से लेकर तमाम सफेदपोश थे।
मामले में पटना के रहने वाले गैंग सरगना निलेश उर्फ पीके और उसके खास विकास महतो और जूली के भाई अभय कुमार महतो समेत कुल 21 गिरफ्तारियां हुईं और 21 अन्य की तलाश जारी है। गिरोह अभ्यर्थी की जगह साल्वर से परीक्षा दिलाने के बदले मोटी रकम लेता था। एससी-एसटी अभ्यर्थी के लिए यह रकम 25 से 30 लाख, ओबीसी के लिए 40 से 45 लाख और जनरल के लिए 55 से 60 लाख रुपये तक होती थी। सूरज बताते हैं कि हाइप्रोफाइल मामला होने व देश के कई राज्यों से जुड़ा होने के कारण इसकी जांच आसान नहीं थी। मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तार आरोपितों को रिमांड पर लेकर गिरोह की जड़ें तलाशने के लिए कई दिनों तक एक से दूसरे राज्य का सफर करते रहे।
‘मुखबिर तंत्र’ से खोली अपराध की कड़ियां, दुष्कर्मियों को उम्रकैद
गाजीपुर : सुहवल के गरुआमकसूद निवासी व मीरजापुर के मड़िहान इंस्पेक्टर शैलेश कुमार राय ने 2018 में सोनभद्र के छिंगुरहद के जंगल में मंगेतर के साथ घूमने आई युवती से सामूहिक दुष्कर्म की एक ऐसी जघन्य वारदात का राजफाश किया था, जहां अपराधियों तक पहुंचने में तकनीक नाकामयाब थी। ऐसे में मुखबिर तंत्र का सहारा लेकर एक-एक कड़ियां जोड़ीं और दुष्कर्मियों को उम्र कैद की सजा तक पहुंचाया। 2018 में सोनभद्र के अनपरा के छिंगुरहद जंगल में एक युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई। शक्तिनगर की रहने वाली युवती मंगेतर के साथ घूमने आई थी।
अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई और तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अतुल सिंह को हटाकर शैलेश कुमार राय को तैनाती दी गई। उन्होंने घटना के राजफाश के लिए सुरागरस्सी शुरू की। घटना जंगल की थी और एफआइआर अज्ञात के खिलाफ थी, इसलिए आरोपितों को ढूंढना बड़ी चुनौती थी। जंगल के कारण मोबाइल सर्विलांस कारगार नहीं रहा तो मुखबिर तंत्र का सहारा लिया।
मुखबिर ने घटना के दिन जंगल में मौजूज तीन लोगों के नाम बताए। तीनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो एक व्यक्ति से महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं और दस दिन के भीतर मध्यप्रदेश के सिंगरौली निवासी आठ बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में दोष सिद्ध करने के लिए आरोपितों का डीएनए टेस्ट कराया और सजा दिलाई।
दुष्कर्म के बाद मासूम के हत्यारे को दिलाई सजा
सोनभद्र : 16 जून 2021 को जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के तरहती गांव में सात वर्षीय बालिका की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
थाना प्रभारी भैया एसपी सिंह ने जांच शुरू की तो उनके सामने चुनौती यह भी थी कि किसी निर्दोष को सजा न हो जाए। आखिरकार उन्होंने कलीम उर्फ डफाली नाम के आरोपित को गिरफ्तार किया और कोर्ट में पैरवी कर उसे दोषी साबित करते हुए आजीवन कारावास की सजा दिलाई। वर्तमान में सोनभद्र के बीजपुर थाना प्रभारी भैया शिव प्रसाद सिंह भी देश के 151 पुलिसकर्मियों में शामिल हैं जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्री पदक प्रदान किया गया है।