शिक्षकों के अभिलेखों की जांच शुरू, कुछ अध्यापकों के पास शैक्षिक प्रमाणपत्रों की मूल प्रतिलिपि भी था अभाव
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के शिक्षकों की जांच मंगलवार से शुरू हो गई। जांच के लिए शिक्षकों को सुबह परिसर स्थित योग साधना केंद्र के संवाद कक्ष में बुलाया गया था।
वाराणसी, जेएनएन। शासन के निर्देश पर विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों की नियुक्ति व उनके अभिलेखों की भी जांच चल रही है। इसे लेकर शिक्षकों में खलबली मची हुई है। इसे लेकर शिक्षकों के विभिन्न संगठन आपत्ति जता चुके हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री तक शिक्षक संघ गुहार लगा चुके हैं। शिक्षकों ने समितियों पर जांच के नाम पर मानसिक शोषण का आरोप लगा रहे हैं। बहरहाल शिक्षकों के विरोध को देखते हुए अब जांच समिति ने बुलाने के स्थान पर स्वयं संबंधित कालेजों में जाकर अभिलेखों की जांच करने का निर्णय लिया है।
इस क्रम में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के शिक्षकों की जांच मंगलवार से शुरू हो गई। जांच के लिए शिक्षकों को सुबह 10.30 बजे परिसर स्थित योग साधना केंद्र के संवाद कक्ष में बुलाया गया था लेकिन जांच टीम काफी विलंब से पहुंची। दोपहर करीब दो बजे पहुंचने के कारण पहले ही दिन टीम शिक्षकों के अभिलेखों की जांच नहीं कर सकी। वहीं कुछ शिक्षक शैक्षिक प्रमाणपत्रों की मूल प्रतिलिपि भी नहीं लेकर आए थे। इसे देखते हुए समिति ने शिक्षकों को तीन पासपोर्ट साइज का फोटो, मूल अभिलेख व सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों की तीन-तीन छायाप्रति के साथ 22 जुलाई को बुलाया है। एसीएम (द्वितीय) की अध्यक्षता में गठित उप समिति में राजकीय महाविद्यालय (पलहीपट्टी) के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद व्रत पांडेय व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वित्त अधिकारी राधेश्याम शामिल रहे। मुख्य जांच समिति के सदस्य सचिव व क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डा. ज्ञान प्रकाश वर्मा ने बताया कि 22 से 27 जुलाई तक महाविद्यालयों के शिक्षकों की जांच शुरू हो रही है। जांच में किसी भी अध्यापक को कही भी नहीं बुलाया जाएगा। टीम के सदस्य स्वयं महाविद्यालय जाकर शिक्षकों से मिलकर जांच करेगी।
सम्मानजनक मानदेय के लिए सौंपा ज्ञापन
वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षकों को समय पर मानदेय भी नहीं मिल रहा है। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चेतनारायण गुट) के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। इसमें वित्तविहीन शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, कोषागार से वेतन प्राप्त कर रहे तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण, चिकित्सकीय सुविधा सहित दस सूत्रीय पुरानी मांगें दोहराई गई हैं। प्रतिनिधिमंडल में संघ के प्रदेशीय मंत्री रघुवंश राय, दिनेश सिंह, मुसर्रत इस्लाम, निर्भय राय, विवेक सिंह सहित अन्य लोग शामिल थे।