नकल विहीन परीक्षा हो और परिणाम समय से आए : राम नाईक
जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय का 22 वा दीक्षात समारोह अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मनाया गया जिसमें राज्यपाल राम नाईक ने अध्यक्षता की।
जौनपुर(जेएनएन) : वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय का 22 वा दीक्षात समारोह अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में सोमवार को आयोजित किया गया। अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि सम्मान पाने वाले छात्रों के लिए पहला दीक्षात है उन्हें प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्होंने छात्रों के साथ अभिभावकों तक मुख्य अतिथि के भाषण को पहुंचाने के लिए गतिमान पत्रिका में छपे अंग्रेजी भाषण को हिंदी में प्रकाशित कराने का कुलपति को निर्देश दिया। कहा कि सभी विश्वविद्यालय शैक्षिक कलैंडर के मुताबिक पठन-पाठन का कार्य सुचारू कराएं। परीक्षा नकल विहीन हो और साथ ही परिणाम समय से आएं। दीक्षात समारोह विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव है। यहीं से उनके काबिलियत की परीक्षा होती है। पूर्वाचल विवि में छात्रों से काफी अधिक है छात्राओं की संख्या। जो महिला शिक्षा की मजबूती की तरफ इशारा करती है। कहा काशी, कानपुर, गोरखपुर और आगरा विश्वविद्यालय में छात्राओं की तादात पूर्वाचल से बहुत ज्यादा है। कहा उत्तर प्रदेश महिला सशक्तिकरण में काफी आगे है। यह प्रदेश आगे बढ़ेगा तभी देश तरक्की करेगा। उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा पटरी पर नहीं आई है, बल्कि वह दौड़ने लगी हैं।इंसान को जीवन में माता-पिता और मातृ भाषा और मातृ भूमि का सम्मान करना चाहिए।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा गोल्ड मेडल और डिग्री प्राप्त करने का तात्पर्य है कि आपके पंख में उड़ान भर गई है, अब उन्हें खुद उड़ना होगा। तकनीकी बढ़ी है इसलिए प्रतिस्पर्धा के लिए नौजवानों को तैयार रहना होगा। असफल होने पर इंसान को भूल पता चलती है। जिसका इंसान सुधार करे तो सफलता उसके कदम चूमेगी। इंसान को तरक्की के लिए हमेशा चलते रखना चाहिए। जो सो गया उसका भविष्य भी सो जाता है। जगत बंद होने के लिए सूर्य की तरह चलना होगा।
इस मौके पर मुख्य अतिथि- दिल्ली डा. राजा रमन्ना डीआरडीओ फेलो सॉलिड स्टेट फिजिक्स लेबोरेटरी के प्रो. विक्त्रम कुमार ने कहा कि विज्ञान के चलते देश में लगातार परिवर्तन आ रहा है। तकनीकी तरक्की ने देश आगे ले जाने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हार्ड वर्क इंसानी की तरक्की में काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।मानद उपाधि प्राप्त बीएचयू के डॉ. उदय प्रताप सिंह ने भी संबोधित किया।