डा. ज्ञान प्रकाश मामले में पूर्व कुलपति सहित रजिस्ट्रार हो सकते हैं तलब, क्षेत्राधिकारी सदर ने दर्ज किया बयान
बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. ज्ञान प्रकाश मिश्र ने मानसिक प्रताडऩा मामले में रविवार को सीओ सदर के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा. ज्ञान प्रकाश मिश्र ने मानसिक प्रताडऩा मामले में रविवार को सीओ सदर के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया। विवि के पदाधिकारियों पर पूर्व में लगाए गए आरोप को दोहराते हुए उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है।
ज्ञात हो कि डा. ज्ञान प्रकाश मिश्र प्रकरण का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 29 अगस्त को उचित कार्रवाई के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया था। इसके लिए आठ सप्ताह का समय दिया गया था। मियाद पूरी होने के बाद भी केस से संबंधित जानकारी न मिलने पर डा. ज्ञान प्रकाश ने पुलिस महानिदेशक के यहां आरटीआइ लगाई। इसके बाद महकमा सक्रिया हुआ। अंतत: मामले में क्षेत्राधिकारी सदर के यहां आठ दिसंबर को पीडि़त को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया गया। सूत्रों के अनुसार मामले में बयान के लिए पूर्व कुलपति सहित रजिस्ट्रार भी तलब किए जा सकते हैं। अपने तीन पेज के बयान में डा. ज्ञान प्रकाश ने विवि प्रशासन के अधिकारियों द्वारा खुद को प्रताडि़त किए जाने की बात दोहराई और साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। उनके मुताबिक दलित उत्पीडऩ मामले में गवाही से मुकरने के लिए उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था। साथ ही हतोत्साहित करने के लिए मिथ्या मामले में उलझाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताडि़त भी किया गया।
डा. ज्ञान प्रकाश का कहना है कि विवि के कुछ पूर्व एवं वर्तमान अधिकारी उनके भाई की हत्या में अभियुक्त आइपीएस अधिकारी से किसी न किसी रूप में संपर्क में हैं। डा. ज्ञान प्रकाश ने मई 2019 में लंका थाने में पूर्व डीन सहित आठ अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी, जिसकी विवेचना लंबित है।
-आयोग की ओर से मेरे पास जांच आई है। पीडि़त ने अपना बयान दर्ज कराया है, आरोपितों व मामले से जुड़े अन्य को भी जल्द तलब किया जाएगा। - अभिषेक कुमार पांडेय, क्षेत्राधिकारी सदर।