सेटेलाइट से होगी ईवीएम पर नजर, जिले में मतदानकर्मी के वाहन होंगे जीपीएस से लैस
चुनाव के दौरान स्ट्रांग रूम से लेकर मतदेय स्थल तक जिस वाहन से ईवीएम और वीवीपैट जाएगा उसके मूवमेंट पर सेटेलाइट के जरिए निगरानी होगी। सभी वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशन सिस्टम) लगेंगे।
वाराणसी, [विकास बागी]। ईवीएम को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच निर्वाचन आयोग ने इस बार तकनीक का सहारा लिया है। चुनाव के दौरान स्ट्रांग रूम से लेकर मतदेय स्थल तक जिस वाहन से ईवीएम और वीवीपैट जाएगा, उसके मूवमेंट पर सेटेलाइट के जरिए निगरानी होगी। सभी वाहनों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशन सिस्टम) लगेंगे। चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में सभी राज्यों को पत्र लिखा गया है कि वे हर हाल में इसे सुनिश्चित करके रिपोर्ट दें कि सभी जिले में जीपीएस से लैस वाहनों से ईवीएम और वीवीपैट सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचे हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय, उत्तर प्रदेश के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल कुमार सिंह की ओर से सभी जिलों को निर्वाचन आयोग की ओर से जारी ईवीएम मतदान स्थल से लेकर स्ट्रांग रूम तक ले आने-जाने को लेकर जारी गाइडलाइन से अवगत कराया गया है।
सेक्टर मजिस्ट्रेट के वाहनों में जीपीएस लगवाने के साथ ही निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों में ईवीएम कंट्रोल रूम खोलने के निर्देश दिए गए हैं। ईवीएम कंट्रोल रूम के माध्यम से ईवीएम लेकर मूवमेंट कर रहे सेक्टर मजिस्ट्रेट पर जीपीएस ट्रैकर के माध्यम से नजर रखी जाएगी। आयोग का सख्त निर्देश है कि ईवीएम ओर वीवीपैट लेकर चक्रमण कर रहे सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने वाहन नहीं छोड़ेंगे, इसे सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी की होगी।
निर्वाचन आयोग ने रिजर्व में रखे ईवीएम और वीवीपैट को लेकर अत्यधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। रिजर्व में रखे ईवीएम के मूवमेंट पर विशेष नजर रखी जाएगी। मतदान के समाप्त होते ही रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट के बारे में सेक्टर मजिस्ट्रेट सूचना देंगे। निर्वाचन अधिकारी इस बाबत सर्टिफिकेट देंगे कि ईवीएम और वीवीपैट सुरक्षित पहुंचे हैं। जीपीएस युक्त वाहन से ईवीएम और वीवीपैट का समयबद्ध उल्लेख किया जाएगा।