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आजमगढ़ जहरीली शराब कांड में गुनाह छिपाने के लिए जलाए गए अवैध शराब के सुबूत

जहरीली शराब प्रकरण में सरकारी मशीनरी मामले को जितना दबाने की कोशिश कर रही अवैध शराब के कारोबार का भांडा उतनी ही तेज से फूटता जा रहा है। गुरुवार तड़के मित्तूपुर गांव से दूर सिवान में अवैध शराब के रैपर ढक्कन इत्यादि अधजले स्थिति में बरामद हुए है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 12:00 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 12:14 PM (IST)
आजमगढ़ जहरीली शराब कांड में गुनाह छिपाने के लिए जलाए गए अवैध शराब के सुबूत
सिवान में अवैध शराब के रैपर, ढक्कन इत्यादि अधजले स्थिति में बरामद हुए है।

आजमगढ़, जेएनएन। जहरीली शराब प्रकरण में सरकारी मशीनरी मामले को जितना दबाने की कोशिश कर रही अवैध शराब के कारोबार का भांडा उतनी ही तेज से फूटता जा रहा है। गुरुवार तड़के मित्तूपुर गांव से दूर सिवान में अवैध शराब के रैपर, ढक्कन इत्यादि अधजले स्थिति में बरामद हुए है। भनक लगी तो पवई पुलिस व ग्रामीण एक साथ मौके पर जा पहुंचे। पुलिस ने जली सामग्रियों को छोड़ कुछ ठोस सबूत बनने वाले बिना जले रैपर, ढक्कर इत्यादि सामान अपने साथ ले गई। जहरीली शराब से हो रही मौतों के मामले में पहले दिन से ही प्रशासन द्वारा पर्दा डालने से लोगों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। आबकारी विभाग ने तो सच्चाई स्वीकारते हुए एक इंस्पेक्टर व हेड कांस्टेबल को निलंबित भी कर दिया है। 

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गुुरुवार की सुबह जहरीली शराब कांड में अपने बेटे पप्पू को खो चुके सीताराम पहुंचे तो बड़ी संख्या में अवैध शराब के जले रैपर, ढक्कर, प्लास्टिक की बोतलें देखकर सन्न रह गए। उन्होंने गांव में सूचना दी तो ग्रामीणों संग पुलिस भी पहुंच गई। ग्रामीण कुछ समझते उससे पूर्व पुलिस वाले आग की भेंट न चढ़ पाने वाली सामग्री अपने साथ उठा ले गए। जहरीली शराब से मरने वालों की तादाद बढ़ने के कारण प्रशासन के दबाने के बावजूद रोजाना कुछ न कुछ सच्चाई सामने आ रही है। आबकारी प्रशासन ने तो इंस्पेक्टर मनोज यादव व एक दीवान को निलंबित भी कर दिया है। हालांकि यह कार्रवाई भी शासन स्तर पर संज्ञान लिए जाने के बाद हुई है। अंबेडकर-आजमगढ़ जिले के बाॅर्डर वाले गांवों में जहरीली शराब से हो रही मौतों के कारण तीन दिनों से कोहराम मचा है। मित्तूपुर, बलईपुर, राजेपुर, चकिया, मैंदीपुर गांव में लोग उंगलियाें पर एक दर्जन से ज्यादा मौतों को गिना रहे हैं। लेकिन प्रशासन उसे न सिर्फ नजर अदांज कर रहा, बल्कि दबाने की कोशिश की जा रही है। बुधवार को बड़े अधिकारी पहुंचे तो गांवों में जाने के बजाए पुलिस चौकी व थाने में बैठ राजस्वकर्मियों को गांवों में भेज दिया।

कोरोना की गर्जना में गुम हो रही गरीबों के घरों की चीख-पुकार 

कोरोना की गर्जना में गुम हो रही गरीबों के घरों की चीख-पुकार। जहरीली शराब से मौतें होने की बात लोग चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हुक्मरान अपनी राग अलापे हैं। सत्ताधारी-विपक्षी जनप्रनिधियों की खामोशी से अफसरशाही को बल मिल रहा है। यह स्थिति तब है, जब शासन में बैठे लोग गरीबों का दर्द महसूस करते हुए जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए कार्रवाई भी शुरू कर दिए हैं। जिला प्रशासन जांच के नाम पर गरीबों से बैंक एकाउंट नंबर, आधार कार्ड ले रहा है, उसका किस रूप में प्रयोग होगा ईश्वर ही जानें, क्योंकि राजस्वकर्मियों ने किसी को मुआवजे का भरोसा नहीं दिया है, जिससे कई तरह की आशंकाओं को बल मिल रहा है।

राजस्वकर्मी आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर मांग रहे 

गांवों में पहुंच रहे राजस्व कर्मी मृतकों के परिवारों से बैंक खाता व आधार कार्ड मांग रहे हैं। उनसे पूछा भी नहीं जा रहा कि उसका क्या करेंगे? चूंकि प्रशासन का आदेश है, इसलिए गरीब करे भी न चाहते हुए भी लोगों को देना पड़ रहा है। मृतकाें के परिवार वालों ने इस बात की पुष्टि भी की है। उनका कहना है कि मौत की वजह पूछें तभी तो बताया जाए। ऐसे में प्रशासन की मंशा पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। 

रवि और रामशेर की आंखों की नहीं लौट रही रोशनी 

मित्तूपुर के रवि और रामशेर की आंखों की रोशरी कई दिनों बाद भी नहीं लौट रही है। रवि ने बताया कि 150 रुपये में शराब खरीदकर पी थी। उसके बाद से ही धुंधला दिखाई पड़ रहा है। रामशेर के स्वजन भी हैरान परेशान हैं, उनका कहना है कि जीवन भर की अपंगता तो और भी ज्यादा घातक है। मित्तूपुर में पहले से ही दो लोगों की अर्थियां उठ चुकी हैं।

 

गुनहगारों को बचाने वाले अफसरों की जिम्मेदारी तय हो : प्रवीण सिंह 

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहाकि तीन दिनो से कोहराम मचने के बावजूद अफसर घर से निकलना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। गरीबों की मौत को कोरोना का चोला ओढ़ाकर अफसर खुद को बचा रहे हैं। आज किसान कांग्रेस के अध्यक्ष वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में पांच सदस्यी टीम मृतकों के घर जानकारी लेगी। उसकी रिपोर्ट मेरे द्वारा पीसीसी को भेजी जाएगी। गरीबों की मौत जाया नहीं जाएगी, कांग्रेस इसके लिए आंदोलन करेगी। अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए ही एसपी ने मीडिया कर्मियों से न सिर्फ अभद्रता की थी, बल्कि उनके मोबाइल जब्त कराकर उसमें पड़े रिपोर्टिंग की सामग्री डिलीट कराई थी।

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