Move to Jagran APP

कुआं धंसने से चपेट में आए किसान की रात भर तलाश से हर आंख नम, सुबह दोबारा राहत और बचाव कार्य शुरू

मड़िहान थानाक्षेत्र के बेलहरा गांव में कुआं धंसने से किसान मनोज कुमार दूबे मलबे में दब गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:58 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 06:05 PM (IST)
कुआं धंसने से चपेट में आए किसान की रात भर तलाश से हर आंख नम, सुबह दोबारा राहत और बचाव कार्य शुरू

मीरजापुर, जेएनएन। मड़िहान थानाक्षेत्र के बेलहरा गांव में कुआं धंसने से किसान मनोज कुमार दूबे बुधवार की देर शाम मलबे में दब गए। आनन फानन रात में ही उन्हें निकालने के लिए स्‍थानीय लोग और प्रशासनिक अमला जुट गया। जुटी टीम के साथ गांव के वे लोग भी हैं जिन्हें मनोज से बेहद आत्मीयता है। कुएं में धंसे किसान को देख भावनाओं का ज्वर फूट रहा है तो लोग कह रहे हैं इतनी माटी खोद डाली पर माटी नहीं मिली। व्यवस्था कर जेसीबी और पोकलेन मशीन ने रात में ही 16 फीट खुदाई कर लिया मगर कुआं 24 फीट तक गहरा हाेने की वजह से रात में प्रयास असफल हो गया। बाकी के लगभग 10 फीट की खोदाई में दिक्कत इसलिए भी हो रही है क्योंकि मिट्टी लगातार धंसती जा रही है और पानी भी नीचे भरा हुआ था।

loksabha election banner

हालांकि काफी प्रयास के बाद मृत अवस्‍था में किसान का शव कुएं से सुबह 11.15 बजे बरामद होने के साथ ही राहत और बचाव कार्य समाप्‍त कर दिया गया। वहीं किसान का शव मिलने के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया।  

उधर हादसे के बाद से ही मां और पत्नी के क्रंदन से सभी ग्रामवासी मर्माहत रात भर नजर आए। ग्राम प्रधान महेंद्र कुमार दूबे ने बताया कि बहुत मुश्किल घड़ी है, जब तक यह रेस्क्यू ऑपरेशन चलेगा हम सभी साथ हैं और प्रशासन की हरसंभव मदद की जा रही है। रात 10.30 तक एनडीआरएफ की टीम मौके पर नहीं पहुंच सकी तो लोग हताश हो गए। हालांकि डीएम और एसपी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेते रहे।

हालांकि रात दो बजे तक किसान को कुएं से नहीं निकाल सके तो पोकलैंड भी बंद हो गई। इसके बाद लोग सुबह का इंतजार करने लगे ताकि सुबह प्रयास कर कुएं से किसान को निकाला जा सके। इसके बाद राहत और बचाव कार्य सुबह छह बजे से दोबार शुरू किया गया। मौके पर इंस्पेक्टर मड़िहान, चौकी प्रभारी पटेहरा मय दल बल के डटे रहे और पानी निकासी के लिए इंजन की ब्यवस्था कर पानी निकालना शुरू किया गया। सबसे बड़ी समस्या मिट्टी ढहने से होती रही। क्‍याेंकि जान लेवा कुअां बावली का स्वरूप लेता जा रहा था।

वहीं देखने वालों की भीड़ इतनी अधिक रही कि पुलिस को भीड़ की सुरक्षा हेतु भारी देख भाल करना पड़ा। वहीं सड़क के नीचे की भी मिट्टी कुएं में गिरने से लोग दहशत में रहे। एसडीएम विमल कुमार दूबे ने बाबत बताया कि बुधवार की शाम पांच बजे ही एनडीआरएफ को सूचना दी गयी थी, मगर समय से टीम नहीं आई। वहीं रात भर से उम्‍मीद लगाए परिजनों का सुबह शव मिलने के बाद रो - रोकर बुरा हाल हो गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.