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शासन के निर्देश के बाद भी कंपोजिट शुल्क अभिभावकों के लिए राहत में बना राेड़ा

विद्यालयों में भौतिक रूप से ऑफलाइन कक्षाएं शुरू नहीं होती है तब तक शासन ने विद्यालयाें से परिवहन क्रीडा विज्ञान प्रयोगशाला लाइब्रेरी कंप्यूटर सहित अन्य शुल्क भी न वसूलने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश के बावजूद कई विद्यालय पहले की तरह अभिभावकों से पूरी फीस वसूल रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 12:55 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 12:55 PM (IST)
शासन के निर्देश के बावजूद कई विद्यालय पहले की तरह अभिभावकों से पूरी फीस वसूल रहे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी के मद्देनजर शुल्क वृद्धि पर इस बार भी रोक लगा दी है। शासन ने सभी निजी विद्यालयों से सत्र 2019-20 का ही शुल्क लेने का निर्देश दिया गया है। जब तक विद्यालयों में भौतिक रूप से ऑफलाइन कक्षाएं शुरू नहीं होती है तब तक शासन ने विद्यालयाें से परिवहन, क्रीडा, विज्ञान, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर सहित अन्य शुल्क भी न वसूलने का निर्देश दिया है। शासन के निर्देश के बावजूद कई विद्यालय पहले की तरह अभिभावकों से पूरी फीस वसूल रहे हैं। उनका दावा है कि कि स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम-2018 के तहत क्रीड़ा, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी शुल्क पहले ही खत्म किया जा चुका है। अब शिक्षण के अलावा विद्यालयों में कंपोजिट शुल्क लिया जा रहा है।

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कोरोना महामारी के चलते पिछले वर्ष भी निजी विद्यालयों को शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि वर्तमान सत्र में कई विद्यालयों ने अप्रैल में ही करीब आठ फीसद तक शुल्क बढ़ा दिया था। शासन के निर्देश पर ऐसे विद्यालयों ने बढ़ी हुई शुल्क वापस भी ले ली है। साथ ही अभिभावकों को आगामी माह में बढ़ी हुई फीस समायोजित करने का भी भरोसा भी दिलाया है। यही नहीं बढ़ी हुई फीस विद्यालय समायोजित भी कर रहे हैं। वहीं अभिभावकों का कहना है कि वर्तमान समय ने ऑनलाइन कक्षाएं चल रही है। ऐसे शिक्षण शुल्क ही लिया जाना चाहिए। तमाम विद्यालय अब भी शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य शुल्क वसूल रहे हैं। इसका विवरण भी अभिभावकों को नहीं दिया जा रहा है। एक अभिभावक ने डीआइओएस से इसकी शिकायत भी की है। वहीं निजी विद्यालयों का दावा है कि शासन ने एक साथ तीन माह के स्थान पर मासिक शुल्क लेने का भी आदेश दिया है। एक माह की फीस के निजी विद्यालय अभिभावकों से अनुरोध कर सकते हैं लेकिन किसी तरह का दबाव नहीं देंगे। जून तक शुल्क न जमा कर पाने वाले अभिभावकों से कोई विलंब शुल्क भी नहीं वसूला जा सकता है। हालांकि अभिभावकों को शुल्क न जमा करने का कारण विद्यालयों को बताना होगा। स्कूलों का दावा है कि शुल्क वसूली नागण्य है। इसके चलते वेतन देने में कठिनाई आ रही है। डीआइओएस डा. वीपी सिंह ने सभी विद्यालयों को स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम-2018 का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। यदि कोई विद्यालय इसका उल्लंघन करेगा तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।


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