Sonbhadra में नियुक्ति के बाद भी 47 सहायक अध्यापकों ने नहीं संभाला कार्यभार, 15 दिन का दिया गया था समय
आज के दौर में बेरोजगारी इस कदर है कि नौकरी के लिए युवा दर-दर भटक रहे हैं लेकिन जिले के सरकारी माध्यमिक और राजकीय इंटर कालेजों में नियुक्त सहायक अध्यापकों ने यहां ज्वाइन ही नहीं किया। निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी 47 सहायक अध्यापकों ने ज्वाइन नहीं किया।
सोनभद्र, जेएनएन। आज के दौर में बेरोजगारी इस कदर है कि नौकरी के लिए युवा दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन जिले के सरकारी माध्यमिक और राजकीय इंटर कालेजों में नियुक्त सहायक अध्यापकों ने यहां ज्वाइन ही नहीं किया। निर्धारित समय सीमा बीतने के बाद भी 47 सहायक अध्यापकों ने ज्वाइन नहीं किया। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक को अब उच्चाधिकारियों की तरफ से आने वाले निर्देश का इंतजार है।
जिले में संचालित होने वाले 13 राजकीय इंटर कालेजों और 32 राजकीय माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी थी। आलम यह था कि इंटर कालेजों में गणित, विज्ञान, से लेकर अंग्रेजी जैसे महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक नहीं थे। कई स्कूलों में तो उधार के शिक्षकों से पढ़ाई करायी जा रही थी। इस वजह से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी। माध्यमिक स्तर के स्कूलों में जहां सात-आठ सहायक अध्यापक होने चाहिए वहीं कई स्कूलों में दूसरे विद्यालयों के प्रधानाचार्य को चार्ज देकर किसी तरह व्यवस्था को आगे बढ़ाया जा रहा था। इसे शासन ने गंभीरता से लिया और एलटी ग्रेड के सहायक अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया में विभिन्न विषयों के 120 शिक्षक मिल गए। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएस द्विवेदी बताते हैं कि 23 अक्टूबर को नियुक्ति पत्र जारी हुआ था। दो दिन अवकाश होने के कारण 26 को वितरण हुआ। इसके बाद 15 दिन का समय ज्वाइन करने के लिए दिया गया। इस बीच कुल 73 सहायक अध्यापकों ने विभिन्न स्कूलों में ज्वाइन कर लिया। 47 जो ज्वाइन नहीं किए हैं अब उन्हें नहीं कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकारियों का अगर आगे कोई निर्देश आता है तो उसी के अनुसार कार्य किया जाएगा। इस नियुक्ति से करीब-करीब सभी स्कूलों में एक-दो शिक्षक हो गए। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आएगा।