आरटीआइ से खुल रही पोल, 60 अंक पाने वाले परीक्षार्थी को छह अंक देकर किया फेल
वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में अंक पत्रों में गलतियां होने से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया। इस बार को लेकर छात्र छात्राओं में काफी नाराजगी है।
वाराणसी (जेएनएन) : एक बार फिर अंक पत्रों में गलतियां होने की बात सामने आई हैं जिसके चलते उत्तीर्ण विद्यार्थियों को फेल कर दिया गया। जी हां, परीक्षा में अधिक अंक पाने वाले विद्यार्थियों को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के स्नातक व स्नातकोत्तर के रिजल्ट में तमाम त्रुटियां हो रही हैं। 60 अंक पाने वाले परीक्षार्थियों को छह अंक देकर अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया है। सूचना के अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) के तहत ऐसे एक-दो नहीं कई मामले उजागर हो चुके हैं। इसे रोकने के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अब ओएमआर शीट सीधे मार्कशीट अंक पोस्ट करने का निर्णय लिया है ताकि परीक्षकों की लापरवाही के चलते परीक्षार्थियों का भविष्य खराब न हो सके। मूल्यांकन व्यवस्था से असंतुष्ट अब तक करीब 450 सौ से अधिक परीक्षार्थी आरटीआइ के तहत कापी की फोटो स्टेट मांग चुके हैं। इसके लिए परीक्षार्थी बकायदा 200 रुपये शुल्क भी जमा कर रहे हैं। उधर कापियों में परीक्षकों की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। परीक्षकों की कमी होने के बावजूद परीक्षार्थियों का शुल्क वापस नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर छात्रों में रोष भी है। दूसरी ओर कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि त्रुटियों को रोकने के लिए अब ओएमआर शीट से सीधे टेबुलेशन रजिस्टर व मार्कशीट पर अंक पोस्ट कराने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा अब कापियों पर कोडिंग-डिकोडिंग भी कराने का निर्णय लिया गया है। कोडिंग की व्यवस्था दिसंबर में होने वाली सेमेस्टर की परीक्षा से लागू किया जाएगा। इसके तहत इस वर्ष उत्तर पुस्तिकाओं के कवर पेज भी बदले गए हैं।