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पेंशन पाने के लिए कर्मचारी रोज लगा रहे वीडीए का चक्कर, विभाग ने उल्‍टा सुनाया रिकवरी का फरमान

तदर्थ सेवा को कर्मचारियों की सेवा में जोड़ा जाए या नहीं इस संदर्भ में वीडीए ने शासन से गाइडलाईन मांगी है लेकिन अभी तक कोई गाइडलाईन नहीं आने से अफसर भी निर्णय लेने में हिचक रहे हैं। बहुत मामलों में तो शासन स्तर से ही गड़बड़ी हुई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 12:43 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 12:43 PM (IST)
पेंशन पाने के लिए कर्मचारी रोज लगा रहे वीडीए का चक्कर, विभाग ने उल्‍टा सुनाया रिकवरी का फरमान
विभाग को फायदा पहुंचाने वाले वीडीए के सात कर्मी अब पेंशन के लिए विभाग में दौड़ लगा रहे हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। नौकरी के दरम्यान कड़ी मेहनत करके विभाग को फायदा पहुंचाने वाले वीडीए के सात कर्मी अब पेंशन के लिए विभाग में दौड़ लगा रहे हैं लेकिन विकास प्राधिकरण से उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है। हालात यह है कि एक कर्मचारी तो छह माह से विभाग में रोज पहुंच रहा है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। उलटे विभाग से उसे आठ लाख की रिकवरी का फरमान सुनाया गया है जिससे उसके होश उड़ गए हैं।

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वीडीए में काम करने वाले अभियंता नरेंद्र सिंह, लेखाकार राकेश विजयी, लिपिक कौशल कुमार सोनकर, जेपी सिंह, गर्ग बाबू व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरिप्रसाद द्विवेदी पेंशन के लिए विभाग में भागदौड़ कर रहे हैं। कौशल का कहना है कि वह बीते छह माह से परेशान हैं लेकिन उन्हें पेंशन नहीं दी जा रही है। उनका कहना है कि अधिष्ठान में शासन की स्पष्ट नीति नहीं होने से दिक्कतें आ रही हैं जिससे गणना में देरी हो रही है। खास बात यह है कि अब उनसे आठ लाख रिकवरी की बात कही गई है। विभागीय कर्मचारी बताते हैं कि 27 नवम्बर 2012 से लेकर 4 अक्टूबर 2018 तक जो भी शासनादेश उत्तर प्रदेश के आवास विभाग से जारी हुआ है उसमें सभी कर्मचारियों की तदर्थ सेवा को जोड़ने की बात कही गई है जबकि 19 नवम्बर 2019 का जो शासनादेश जारी हुआ है उसमें तदर्थ सेवा को नहीं जोड़ने का आदेश है, ऐसे में अधिष्ठान कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है जिससे रिटायर्ड होने वाले कर्मचारी परेशान हो रहे हैं।

विभागीय सूत्र बताते हैं कि तदर्थ सेवा को कर्मचारियों की सेवा में जोड़ा जाए या नहीं इस संदर्भ में वीडीए ने शासन से गाइडलाईन मांगी है लेकिन अभी तक कोई गाइडलाईन नहीं आने से अफसर भी निर्णय लेने में हिचक रहे हैं। बहुत मामलों में तो शासन स्तर से ही गड़बड़ी हुई है। जैसे वित्तीय स्तरीय उन्नयन का लाभ देने के लिए 8, 14, 19 व 24 वर्ष की सेवा श्रेणी बनाई गई थी जिसमें तदर्थ सेवा को नहीं जोड़ना था लेकिन शासन ने ऐसे कर्मियों को विभिन्न जनपदों व विकास प्राधिकरणों में स्थानांतरण करके उसका लाभ पहुंचाया और बाद में अपने ही आदेश से मुकर गया। जबकि तदर्थ सेवा वाले कर्मियों को किसी गैर जनपद में स्थानांतरण का प्रावधान हीं नहीं है।

अब भी वीडीए कर्मियों को समूह बीमा नहीं : दरअसल, आवास विभाग की ओर से कर्मचारियों के लिए खास सहूलियतें नहीं हैं। विभाग उन्हें अब भी पूरी तरह से राज्य कर्मचारियों की श्रेणी में नहीं रखा है जिससे कर्मचारियों को सेवाओं का लाभ लेने में दिक्कतें आ रही हैं। बहुत मामलों में इस विभाग में राज्य सरकार की पूरी व्यवस्था प्रभावी होती है तो कईयों में नहीं। खास बात यह है कि अगर कोई कर्मचारी 50 साल या उससे अधिक की अवस्था में किन्हीं कारणों से विकलांग हो जाता है तो उसे अपनी पूरी सेवा लाभ का फायदा नहीं पहुंचेगा।

पेंशनरों को मिलेगा बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता : वीडीए से रिटायर्ड होने वाले पेंशनरों को शीघ्र ही महंगाई भत्ता का लाभ मिलेगा। 27 प्रतिशत महंगाई-भत्ता की बढ़ोतरी की मांग पेंशनर्स एसोसिएशन ने बीते माह करते हुए वीडीए वीसी को ज्ञापन दिया था। अब शासनादेश मिल गया है शीघ्र ही पेंशनरों को बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता का लाभ मिलेगा।


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