Move to Jagran APP

साढ़े आठ महीने बाद असि घाट पर फिर से सुबह-ए-बनारस शुरू, संगीत की प्रभाती से गंगा तट सुवासित

काशी की धरोहरों में प्रमुख असि घाट पर होने वाले सुबह-ए- बनारस का आरंभ फिर से लगभग साढ़े आठ महीने बाद मंगलवार को हो गया। कई वर्षों से चल रहे इस धार्मिक आध्यात्मिक व सांगीतिक कार्यक्रम को कोविड 19 संक्रमण के कारण 19 मार्च से बंद कर देना पड़ा था।

By saurabh chakravartiEdited By: Published: Tue, 15 Dec 2020 06:51 PM (IST)Updated: Tue, 15 Dec 2020 06:51 PM (IST)
साढ़े आठ महीने बाद असि घाट पर फिर से सुबह-ए-बनारस शुरू, संगीत की प्रभाती से गंगा तट सुवासित
काशी की धरोहरों में प्रमुख असि घाट पर होने वाले सुबह-ए- बनारस का आरंभ हो गया।

वाराणसी, जेएनएन।  काशी की धरोहरों में प्रमुख असि घाट पर होने वाले सुबह-ए- बनारस का आरंभ फिर से लगभग साढ़े आठ महीने बाद मंगलवार को हो गया। विगत कई वर्षों से चल रहे इस धार्मिक, आध्यात्मिक व सांगीतिक कार्यक्रम को कोविड 19 संक्रमण के कारण 19 मार्च से बंद कर देना पड़ा था। असि घाट पर इस कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन होने वाले यज्ञ, गंगा आरती, योग और संगीत की धाराएं प्रवाहित हुईं तो गंगा किनारे पुनः एकबार अलसुबह सूर्योदय की बेला में रौनक लौट आई। यज्ञ की अग्नि ने उदयाचल पर उदित हो रहे भगवान भास्कर का स्वागत किया तो शंख ध्वनियों व प्रभाती रागों ने मां गंगा की धराओं के साथ आलिंगन।

loksabha election banner

सुबह ए बनारस के तत्वावधान में सूर्योदय के पूर्व से पाणिनि कन्या महाविद्यालय की ऋषि कन्याओं के वैदिक ऋचाओं के सस्वर पाठ से यज्ञ की आहुति प्रज्ज्वलित हई तो श्रद्धालुओं ने अपनी ओर से यज्ञ वेदिका में समिधा अर्पित करने शुरू कर दी। सूर्योदय होते ही बटुकों ने भी मां गंगा की आरती कर भव्यता प्रदान की। शास्त्रीय संगीत पर आधारित प्रभाती की प्रस्तुति व योग के विविध आसनों ने सोने में सुहागा का कार्य किया।  युवा गायक प्रियांशु घोष ने प्रभात कालीन राग  कोमल ऋषभ आसवारी  की प्रस्तुति से इसका श्रीगणेश किया। आरंभ विलंबित एकताल में निबद्ध बंदिश से की। जिसके बोल थे  जाग पड़े मैं तो भोरे । इसके उपरांत मध्य लय एकताल में  निबद्ध रचना सुनाया जिसके बोल थे  तृषित हिया शीतल करो । उन्होंने  तीन ताल में निबद्ध  स्वरचित रचना भी सुनाया जिनके बोल थे  आओ गावो सबको रिझावो।  गायन का समापन हुआ राग भैरवी से जिसके  बोल थे  निर्धन के धन राम। तबला संगति रही डॉ संदीपराव  केवले की तथा हारमोनियम संगति   मानस परिडा ने संगत की।

कार्यक्रम के आरम्भ  में सुबह ए बनारस के संस्थापक सचिव डॉ रत्नेश वर्मा ने सभी को शारीरिक दूरी बनाये रखने एवम मास्क का प्रयोग करने की जरूरत बताई। कार्यक्रम में अंत मे योग सत्र का  मार्गदर्शन योग गुरु पं विजय प्रकाश मिश्र ने किया।  संचालन डॉ प्रीतेश आचार्य ने किया।इस अवसर पर सुबह ए बनारस के उपाध्यक्ष श्री प्रमोद मिश्र ने इस आयोजन के पुनः आरम्भ को  बाबा विश्वनाथ एवं माता अन्नपूर्णा की कृपा  बताते हुए सभी के प्रति मंगलकामना व्यक्त की। वरिष्ठ सदस्य डॉ वीरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गंगा निर्मलीकरण एवं स्वच्छ्ता हेतु किये गए  प्रयासों को आगे बढ़ाने   में सुबह ए बनारस  के सहयोग का संकल्प दोहराया। प्रमुख रूप से कोषाध्यक्ष सुनील शुक्ल, रमेश तिवारी, मंजू मिश्रा, शास्त्रीय गायक पं देवाशीष डे, उदय प्रताप सिंह कृष्णमोहन, अभय श्रीवास्तव, विनय तिवारी, मित्तल साहनी अतुल सिंह,आदि  उपस्थित थे। इस अवसर पर कार्यक्रम स्थल पर आश्रय सेवा संस्थान द्वारा निश्‍शुल्क मास्क और सैनिटाइजर कि व्यवस्था नित्य आने वाले लोगों के लिए की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.