शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए वरुणा कॉरिडोर में ई-रिक्शा संचालन के लिए तलाशी संभावनाएं
शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए वरुणा कॉरिडोर को ई-रिक्शा कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की तैयारी है।
वाराणसी, जेएनएन। शहर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए वरुणा कॉरिडोर को ई-रिक्शा कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की तैयारी है। इसके लिए कमिश्नर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर वीडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई, पर्यटन और पुलिस विभाग के अफसरों की छह सदस्यीय कमेटी ने गुरुवार को मौका-मुआयना किया। नगर आयुक्त व विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के नेतृत्व में अफसरों ने ई-रिक्शा कॉरिडोर की संभावनाओं को परखा।
पिछले दिनों कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने छह विभागों की कमेटी बनाते हुए एक हफ्ते में वरुणा कारिडोर में ई- रिक्शा संचालन की संभावनाओं को तलाशने के लिए रिपोर्ट मागी थी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत होने वाले इस काम में नगर निगम और विकास प्राधिकरण को अहम जिम्मेदारी दी गई। डेडिकेटेड ई- रिक्शा कॉरिडोर योजना को धरातल पर उतारने के लिए वीडीए उपाध्यक्ष राहुल पाडेय, नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी समेतअन्य अफसरों ने शास्त्री घाट से पुरानापुल तक ई-रिक्शा से सफर किया। इस दौरान ई-रिक्शा कॉरिडोर से जुड़े हर पहलू की पड़ताल की गई। वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि डेडिकेटेड ई-रिक्शा कॉरिडोर की पूरी संभावना है लेकिन कई बिंदुओं पर सुधार की भी जरूरत है। लखनऊ से कमिश्नर के आने के बाद रिपोर्ट दी जाएगी।
जब अफसरों का घुटने लगा दम वीडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त (प्रथम) अजय कुमार सिंह, सहायक नगर नियोजक मनोज कुमार समेत लोक निर्माण और सिंचाई विभाग के अफसरों को डेडिकेटेड ई-रिक्शा चलाने की संभावनाओं की पड़ताल के दौरान हुकुलगंज में संचालित चर्मशोधन कारखाने से उठ रही दुर्गध से दो-चार होना पड़ा। बघवाबीर नाले से आगे बढ़ने और चौकाघाट पुल के बीच भी अफसरों का दम घुटने लगा।