आजम खां के कार्यकाल में मीटर खरीद की लखनऊ में हुई निविदा, बढ़ा धांधली का बिल
सपा सरकार ने पेयजल परियोजना में धांधली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिना टेस्टिंग पेपर के 50 हजार मीटर कागजों में ही लगा दिए गए।
वाराणसी, जेएनएन। सपा सरकार ने पेयजल परियोजना में धांधली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिना टेस्टिंग पेपर के 50 हजार मीटर कागजों में ही लगा दिए गए। नगर विकास मंत्री रहे आजम खां के कार्यकाल में मीटर खरीद के लिए लखनऊ में ही निविदा हुई। करीब एक लाख 68 हजार घरों में पेयजल मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया था।
वर्ष 2015-16 के वित्तीय वर्ष में पेयजल पाइप लाइन बिछाने के बाद आनन-फानन मीटरों की खरीद हुई। जल निगम के अफसरों के अनुसार महज 50 हजार मीटर ही लग सके हालांकि पूर्व में जांचों के दौरान हुए सत्यापन में ये मीटर घरों में नहीं मिले। सूत्रों के अनुसार कंपनी के लोग मीटर स्टॉल कर रहे थे। अधूरा कार्य छोड़ कर कंपनी लौट गई। शासन स्तर के दबाव में स्थानीय जल निगम के अफसरों ने भुगतान भी कर दिया। निलंबित अधीक्षण अभियंता आरपी पांडेय ने जब कंपनी के अधिकारियों से मीटर की टेस्टिंग रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने लखनऊ में ही जमा करने की बात कही जबकि नियमानुसार टेस्टिंग रिपोर्ट यहां के कार्यालय में होनी चाहिए। पेयजल परियोजना में वित्तीय धांधली की जांच कर रही टीम की शुक्रवार को भी कार्यवाही जारी रही। लेन-देन में कई प्रकार की हुई अनियमितता के दस्तावेज जब्त किए। इसमें मीटर खरीद के कागजात भी थे।
बिना काम की लीक ट्रेसर मशीन
एक करोड़ से अधिक कीमत से पाइप लीकेज का पता लगाने के लिए लीक ट्रेसर मशीन की खरीद भी हुई। मशीन यहां आई लेकिन अब तक उसका उपयोग नहीं किया गया। खरीद के बाद करीब छह माह तक जल निगम के स्टोर की शोभ बढ़ाती रही और अब जलकल विभाग के स्टोर में पड़ी धूल फांक रही है।