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वाहनों में लगा रहे Duplicate high Security Number, वाराणसी में बार कोड का लगा दे रहे फर्जी स्टीकर

नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों ने डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर गाडिय़ों में लगाना शुरू कर दिया। मालिकों को भरोसा दिला रहे हैं कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में बार कोड भी लगा है। वेंडर को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम देने की तैयारी चल रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 08:42 AM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 09:59 AM (IST)
वाहनों में लगा रहे Duplicate high Security Number, वाराणसी में बार कोड का लगा दे रहे फर्जी स्टीकर
नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों ने डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर गाडिय़ों में लगाना शुरू कर दिया।

वाराणसी, [जेपी पांडेय]। शासन ने गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने पर सख्ती दिखाई तो लोगों उसमें भी फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया। नंबर प्लेट बनाने वाले दुकानदारों ने डुप्लीकेट हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाकर गाडिय़ों में लगाना शुरू कर दिया। गाड़ी मालिकों को भरोसा दिला रहे हैं कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट में बार कोड भी लगा है। नंबर प्लेट पर बार कोड का फर्जी स्टीकर तक लगा दे रहे हैं लेकिन स्कैन करने पर उसमें कुछ भी नहीं आ रहा है। जबकि जनपद में डीलर के अलावा किसी भी बाहरी दुकानदार को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का जिम्मा नहीं मिला है। शासन स्तर पर वेंडर को हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने का काम देने की तैयारी चल रही है।

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फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चोरी की गाडिय़ों पर चढऩे वालों, सुरक्षा को देखते हुए शासन ने गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य कर दिया है। जनवरी-2019 से डीलरों ने नई गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना शुरू कर दिया है। पुरानी गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की कोई व्यवस्था नहीं है।

नवंबर तक दी मोहलत

परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने सभी आरटीओ को दिसंबर तक हरहाल में सभी गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का निर्देश दिया था। बाद में आदेश में संशोधन कर 15 अक्टूबर कर दिया गया था। इसके चलते परिवहन कार्यालय में डुप्लीकेट आरसी, पंजीयन नवीकरण, फिटनेस आदि काम एक सप्ताह तक बंद रहा। गाड़ी मालिकों की परेशानी को देखते हुए मुख्यालय ने नवंबर तक आरटीओ को मोहलत दी है।

नहीं मिलता है पंजीयन किताब

डीलर नई गाड़ी में जब तक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाकर अप्रुवल नहीं करेगा तब तक परिवहन कार्यालय से उस गाड़ी का पंजीयन किताब नहीं मिलेगा। आरसी के लिए गाड़ी मालिकों को दो से तीन माह तक इंतजार भी करना पड़ता है।

ऐसे होती है पहचान

स्टीकर पर आइएनडी लिखा होगा। नंबर प्लेट के आगे और पीछे सीरियल नंबर (बार कोड) होता है। यह परिवहन विभाग के वेबसाइट में फीड किया जाता है। यदि फीड नहीं है तो वह हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट फर्जी है।

रेवीट गन से होता है ब्लाक

गाडिय़ों हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट रेवीट गन से ब्लाक किया जाता है। इस नंबर प्लेट को अपने से बदला नहीं जा सकता है। टूटने या खराब होने पर डीलर या वेंडर द्वारा ही फिर से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट गाडिय़ों में लगाया जाएगा। 

नंबर प्लेट खोने पर दर्ज कराना होगा मुकदमा 

गाड़ी से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट गिरने और खोने पर गाड़ी मालिक को स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराना होगा। उसकी प्रति डीलर या वेंडर को देनी होगी। तभी वह दूसरा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाएगा।

एक समान दिखे नंबर प्लेट

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वह एक समान होते हैं जिससे उनकी पहचान करने में आसानी होती है। घटना या दुर्घटना करके फरार होने वाली गाडिय़ों की पहचान करने में भी आसानी होती है।

495 रुपये डीलर लगा रहे बाइक में

320 रुपये दुकानदार लगा रहे बाइक में

पुरानी गाडिय़ों में लगाने के लिए वेंडर को देने की तैयारी चल रही है

नई गाडिय़ों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट डीलर लगा रहे हैं। पुरानी गाडिय़ों में लगाने के लिए वेंडर को देने की तैयारी चल रही है। दुकानदार डुप्लीकेट या फर्जी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)।


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