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ओमिक्रान संक्रमण के चलते वाराणसी में डीएल अभ्यर्थियों की संख्या हुई आधी, आवंटित स्लाट हो रहे लैप्स

DL candidates in Varanasi ओमिक्रान संक्रमण के चलते वाराणसी में इन दिनों डीएल बनवाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या आधी से कम हो गई है। डीएल बनवाने के लिए अभ्यर्थी को आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। अभ्यर्थी को स्लाट और समय मिल जाता है जिससे आवेदक का समय बर्बाद नहीं हो।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 07:10 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 07:10 PM (IST)
डीएल बनवाने के लिए अभ्यर्थी को आनलाइन आवेदन करना पड़ता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : ओमिक्रान संक्रमण के चलते करौंदी स्थित ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग सेंटर में डीएल बनवाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या आधी से कम हो गई है। स्लाट होने के बाद भी अभ्यर्थी डीएल बनवाने नहीं पहुंच रहे हैं, इसके चलते आवंटित स्लाट लैप्स हो जा रहे हैं। वहीं, चौकाघाट परिवहन कार्यालय में भी अभ्यर्थियों की संख्या कम हो गई है। स्थिति यह है कि करौंदी कार्यालय में परमानेंट डीएल के अभ्यर्थी की संख्या रोज 80 से 90 और लर्निंग की 30 से 35 है। चौकाघाट में कभी स्लाट पूरा रहता है तो कभी कम।

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परिवहन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस व्यवस्था आनलाइन करने के साथ निजी हाथों में सौंप दिया है। स्मार्ट चिप कंपनी खुद कंप्यूटर, प्रिंटर लगाने के साथ कर्मचारियों की तैनाती की है। इतना ही नहीं, बढ़ते सड़क हादसे को रोकने के लिए शासन ने करौंदी परिसर में करीब साढ़े चार करोड़ की लागत से ड्राइविंग लाइसेंस ट्रेनिंग सेंटर बनाया है। यहां डीएल बनवाने से पहले अभ्यर्थी को वाहन चलाकर टेस्ट देना होता है। यदि टेस्ट में पास नहीं हुए तो डीएल नहीं बनेगा। परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने संभागीय निरीक्षक (आरआइ) को निर्देश दिया है कि डीएल अभ्यर्थियों का हरहाल में टेस्ट लिया जाए, यदि बिना टेस्ट लिए किसी अभ्यर्थी का डीएल बनाने का मामला सामने आया तो कार्रवाई तय हैं। इसके लिए आरटीओ और एआरटीओ को मानीटरिंग करने का निर्देश दिया है।

डीएल बनवाने के लिए यह है नियम

डीएल बनवाने के लिए अभ्यर्थी को आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन करने के साथ अभ्यर्थी को स्लाट और समय मिल जाता है जिससे आवेदक का समय बर्बाद नहीं हो। टेस्ट में पास होने के सात से 10 दिन के अंदर अभ्यर्थी का डीएल उसके पते पर पहुंच जाता है। पास होने के साथ आवेदक का पूरा पता और मोबाइल नंबर एक लिफाफे पर परिवहन लिपिक द्वारा लिया जाता है।

अभ्यर्थियों की संख्या कम होने के पीछे कोरोना संक्रमण है

कार्यालय में तय स्लाट के हिसाब से अभ्यर्थी कम आ रहे हैं जिससे स्लाट लैप्स हो जाता है। अभ्यर्थियों की संख्या कम होने के पीछे कोरोना संक्रमण है।

-सर्वेश चतुर्वेदी, एआरटीओ (प्रशासन)


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