Move to Jagran APP

भारी बरसात से नदियों के जलस्‍तर में तेजी का क्रम शुरू, बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की बढ़ी मुश्किलें

शनिवार को लोग पुन जलस्‍तर बढ़ने की बात से चिंतित नजर आ रहे है। इसके कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसको देखते हुए यहां के लोगों की भी धुकधुकी बढ़ गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 28 Sep 2019 04:57 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 09:24 AM (IST)
भारी बरसात से नदियों के जलस्‍तर में तेजी का क्रम शुरू, बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की बढ़ी मुश्किलें
भारी बरसात से नदियों के जलस्‍तर में तेजी का क्रम शुरू, बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों की बढ़ी मुश्किलें

वाराणसी, जेएनएन। विगत कुछ दिनों से नदियों के जलस्‍तर में कमी हो रही थी लेकिन गुरुवार से हो रही बरसात से बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगाें के माथे पर बल पड़ने लगा है। शनिवार को लोग पुन: जलस्‍तर बढ़ने की बात से चिंतित नजर आ रहे है। मध्य प्रदेश के तमाम हिस्सों में फिर से तेज बारिश हो रही है। इसके कारण बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसको देखते हुए यहां के लोगों की भी धुकधुकी बढ़ गई है। कारण कि पिछले दिनों यहां मध्य प्रदेश के पानी की वजह से ही बाढ़ आ गई थी। पूर्वांचल में गंगा के साथ ही अन्‍य नदियों के जलस्‍तर में भी तेजी देखने मिल रही है।

loksabha election banner

लगातार हो रही बारिश के बीच वाराणसी में गंगा का जलस्तर फिर से बढऩे लगा है। शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक प्रति घंटे दो सेमी की रफ्तार से गंगा का जलस्तर 70.19 मीटर पर आ गया था। वहीं दोपहर एक बजे से फिर से जलस्तर बढऩे लगा। शाम छह बजे तक गंगा का जलस्तर 70.23 मीटर हो गया था। शनिवार गंगा प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से बढऩे लगीं थीं। हालांकि प्रयागराज में घटाव जारी था। मौसम विभाग के अनुसार लगातार कई दिनों से पूर्वांचल में हो रही बारिश के कारण बढ़ाव शुरू हुआ है।

जलस्तर घटने से वरुण एवं गंगा किनारे सबसे निचले हिस्सों में बसे लोगों ने राहत की सांस ली है। कारण कि उनके घरों में पानी घुस गया था। इस साल वरुणा व गंगा किनारे अवैध रूप से बने सभी घरों में बाढ़ का पानी घुस गया था। इसके कारण कई लोगों को घर छोड़कर राहत शिविर या अन्य ठिकानों पर जाना पड़ा था। हालांकि इस दौरान प्रशासन की ओर से समय-समय पर राहत सामग्री वितरित की जा रही थी, लेकिन वह भी नाकाफी साबित हो रही थी। अब पानी घटने से भले ही कुछ घरों को बाढ़ से राहत मिली है, लेकिन अब लोगों के सामने संक्रमण फैलने का खतरा मंडराने लगा है। कारण कि अब गलियों या उनके घरों के सामने गंदगी का अंबार लग गया है। लोगों का आरोप है कि उनके पास अभी तक कोई चिकित्सा सेवा नहीं पहुंची हैं।

कर्मनाशा नदी में उफान

चंदौली में कर्मनाशा नदी में उफान, दहशत में ग्रामीण: लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से कर्मनाशा नदी में उफान आ गया है। नदी का जल स्तर बढऩे का क्रम जारी है। यह देख नदी तटवर्ती इलाके के गांवों के ग्रामीण बाढ़ के संभावित खतरें को लेकर दहशत में है। वहीं निचले भू भागों में रहने वाले सुरक्षित स्थानों की ओर जाने की तैयारी करने लगे हैं।

 

बलिया में बाढ़ और बारिश ने बढ़ाई पीडि़तों की मुश्किलें

बाढ़ की विभीषिका झेल रहे रहे लगभग 155 गांवों की हजारों की आबादी जलालत का दंश झेल ही है। अनवरत बारिश ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

गंगा और घाघरा का पानी कम होने से राहत मिलनी शुरू हो चुकी है लेकिन लगातार हो रही बारिश ने सभी को संकट में डाल दिया है। इस आपदा की घड़ी में सरकारी तंत्र व अफसर मदद करने के बजाय दुबक गए हैं। बाढ़ प्रभावित गांवों में संक्रामक रोगों का खतरा भी बढऩे लगा है। गंदगी के बीच बाढ़ पीडि़त किसी तरह अपना गुजारा कर रहे हैं।

मऊ में घाघरा नदी के जलस्तर में वृद्धि से दहशत घाघरा के तटवर्ती इलाकों के लोगों में घाघरा नदी के जलस्तर में शुक्रवार को थोडी वृद्धि से दहशत फैल गई। गौरीशंकर घाट पर घाघरा का जलस्तर जहां गुरुवार की सायंकाल 69.16 मीटर पर रहा, तो वहीं शुक्रवार की सायंकाल 69.20 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि नदी की लहरें अभी खतरा के निशान से 70 सेमी नीचे हैं। परंतु जिस प्रकार से नदी छह बार लाल निशान पार कर चुकी है, इसको सोचकर लोग सहम जा रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.