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एआरटीओ के खिलाफ डीटीसी ने भेजी रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव में बिना सूचना के तीन माह से गायब थे

बनारस में तैनात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के खिलाफ चल रही जांच गुरुवार को पूरी होने के साथ प्रमुख सचिव परिवहन को भेज दी गई।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 10:31 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 03:53 PM (IST)
एआरटीओ के खिलाफ डीटीसी ने भेजी रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव में बिना सूचना के तीन माह से गायब थे
एआरटीओ के खिलाफ डीटीसी ने भेजी रिपोर्ट, लोकसभा चुनाव में बिना सूचना के तीन माह से गायब थे

वाराणसी, जेएनएन। बनारस में तैनात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन) के खिलाफ चल रही जांच गुरुवार को पूरी होने के साथ प्रमुख सचिव परिवहन को भेज दी गई। उप परिवहन आयुक्त वाराणसी क्षेत्र (डीटीसी) के जांच रिपोर्ट पहुंचने के साथ ही उन पर गाज गिरनी तय हैं। वे लोकसभा चुनाव के दौरान बिना सूचना के तीन माह अनुपस्थित थे। शासन के निर्देश पर डीटीसी जांच कर रहे थे। कर्तव्यों का पालन नहीं करने, लोकसभा चुनाव के दौरान गायब रहने और अनुशासनहीनता के आरोप में डीटीसी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है। फिलहाल निलंबित एआरटीओ मुख्यालय से संबद्ध है। 

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लोकसभा चुनाव के दौरान एआरटीओ राजीव कुमार 28 फरवरी को प्राथमिक सूचना देने के साथ अनुपस्थित चल रहे थे। निर्वाचन कार्य प्रभावित होने पर उन्हें विभाग ने कई बार पत्राचार किया लेकिन, उन्होंने कोई सूचना नहीं दी। पूर्व जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने डीटीसी और आरटीओ से पूछा तो उन्होंने कुछ भी बताने में असमर्थता जताई। लोकसभा चुनाव खत्म होने के साथ वे एक जून को कार्यालय आ गए और उनका स्थानांतरण सोनभद्र के लिए हो गया। इसकी जानकारी होते ही पूर्व परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने उन्हें निलंबित करते हुए मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। साथ ही पूरे मामले की जांच करने के लिए उप परिवहन आयुक्त को सौंपी। डीटीसी ने जांच के दौरान एआरटीओ से बिना सूचना के गायब रहने के साक्ष्य मांगें तो वे नहीं दे सके। ऐसे में डीटीसी ने जांच कर पूरे मामले की रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी। 

मीरजापुर तैनाती कराना पड़ा महंगा 

एआरटीओ राजीव कुमार का स्थानांतरण सोनभद्र के लिए हो गया था। वे एक परिवहन सिपाही के नजदीकी मंत्री के सहारे मीरजापुर स्थानांतरण कराने में जुट गए। मंत्री को जानकारी हुई की लोकसभा चुनाव के दौरान एआरटीओ गायब रहने के बाद भी बनारस के एक मंत्री से पैरवी करा रहा है। इससे पूर्व परिवहन मंत्री का पारा गर्म हो गया और उन्होंने तत्काल एआरटीओ को निलंबित करने के साथ मुख्यालय से संबद्ध कर दिया। 

- शासन के निर्देश पर जांच कर भेज दी गई है। लोकसभा चुनाव में गायब रहना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। कार्रवाई शासन को करनी है। -लक्ष्मीकांत मिश्रा, डीटीसी।


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