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जान हथेली पर रख अंबेडकर डिपो के चालक ने बचाई कई की जान, मऊ से आजमगढ़ जा रही थी बस

अंबेडकरनगर डिपो के चालक रामअवध यादव ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए सिर्फ दो दर्जन यात्रियों की जान बचाई बल्कि रोडवेज का लाखों रुपये नुकसान होने से बचा लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 02:14 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 02:14 PM (IST)
जान हथेली पर रख अंबेडकर डिपो के चालक ने बचाई कई की जान, मऊ से आजमगढ़ जा रही थी बस

मऊ, जेएनएन। अंबेडकरनगर डिपो के चालक रामअवध यादव ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए सोमवार की रात आठ बजे के करीब न सिर्फ दो दर्जन यात्रियों की जान बचाई वहीं रोडवेज का लाखों रुपये नुकसान होने से बचा लिया। चालक के साहस को देखकर हर कोई हतप्रभ रह गया और उसकी सराहना करते रहे। यात्रियों ने तो भगवान शुक्रिया अदा किया कि किसी तरह उनकी जान बच गई।

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सोमवार की देर शाम साढ़े सात बजे से मऊ रोडवेज से अंबेडकर डिपो की बस आजमगढ़ के लिए रवाना हुई। चालक बड़ी सालीनता से बस को रफ्तार से लेकर जा रहे थे। अचानक मुहम्मदाबाद गोहना से पांच किलोमीटर पहले मड़ैया पर पहुंचते ही गाड़ी के चाल में कुछ परिवर्तन आने पर चालक ने बस को रोक दिया। सभी यात्री बस में बैठे थे। इसके बाद वह बस के नीचे के हिस्से की तरफ से तार इत्यादि ठीक करने लगा। इस बीच अचानक बस से धुआं निकलने लगा। इसके बाद बंद बस अपने आप स्टार्ट होकर आगे बढ़ने लगी और अचानक बस के अगले हिस्से मेें आग लग गई। इससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई। सभी लोग कूद-कूद कर भागने लगे। कंडक्टर भी कूदकर दूर भाग खड़ा हुआ। इस बीच चालक ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए जल रही बस में चढ़ गया और स्टेयरिंग पकड़ कर गाड़ी को नियंत्रित किया। कंडक्टर उसे जान बचाने के लिए चिल्लाने लगा और उतर आने के लिए कहा। इसके बावजूद चालक राम अवध यादव ने हार नहीं मानी। गाड़ी में रखे एक बोतल पानी को किसी तरह जल रहे बस पर डाला और किसी जुगाड़ से गाड़ी की आग को रोकते हुए बस की गति को नियंत्रित किया। इसके बाद बस बंद हो गई और धीरे-धीरे आग बुझ गई। कुछ देर में आस-पास के सैकड़ों लोग जुट गए लेकिन आग बुझ चुकी थी। इसके बाद परिचालक ने यात्रियों को दूसरे बस से रवाना किया।

चालक रामअवध ने काफी सूझ-बूझ का परिचय दिया

चालक रामअवध ने काफी सूझ-बूझ का परिचय दिया है। इससे न सिर्फ यात्रियों के जान-माल का खतरा टल गया बल्कि रोडवेज की लाखों रुपये की क्षति होने से बच गई। इस तरह के चालकों को सम्मानित करने की जरूरत है।

-वीएन त्रिपाठी, एआरएम मऊ।


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