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डीएम वाराणसी का पहला फरमान, प्लास्टिक मुक्त कलेक्ट्रेट

वाराणसी के जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कार्यभार ग्रहण करते ही कलेक्ट्रेट को पालिथीन मुक्त करने का फैसला लिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jun 2018 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jun 2018 08:45 AM (IST)
डीएम वाराणसी का पहला फरमान, प्लास्टिक मुक्त कलेक्ट्रेट
डीएम वाराणसी का पहला फरमान, प्लास्टिक मुक्त कलेक्ट्रेट

वाराणसी : जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कार्यभार ग्रहण करते ही अपनी मंशा जाहिर कर दी कि काशी को स्वच्छ काशी-सुंदर काशी बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अभियान की शुरूआत 'घर' यानि कलेक्ट्रेट से की। नवागत जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने पहला आदेश जारी किया कि अब कलेक्ट्रेट में ऐसे प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा जिसका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। कलेक्ट्रेट में होने वाली बैठकों में अब अधिकारियों को बोतलबंद पानी भी नहीं मिलेगा। काशी को 15 अगस्त तक हर हाल में प्लास्टिक मुक्त किया जाएगा। इसके लिए सबसे पहले उन औद्योगिक इकाईयों को बंद कराएंगे जहां इनका उत्पादन होता है। गैर जिलों से आने वाले प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लगेगा।

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रायफल क्लब सभागार में मीडिया से रू-ब-रू जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता एवं समयबद्ध तरीके से पूर्ण कराने का भरोसा दिलाया। शहर में चोक सीवर की समस्या के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल अपनी आसानी के लिए कर रहे हैं, वही हमारे घरों की नालियों में से रोज निकल रही है। हम जब प्लास्टिक का उपयोग बंद कर देंगे। तो कई सारी समस्याओं से हमें निजात मिलेगी। स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में काशी को नंबर एक पर लाना है -

जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने कहा कि काशी ऐतिहासिक नगरी है। यहां तीर्थ यात्रियों के साथ देश-विदेश से लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के चलते लोगों की अपेक्षाएं अधिक हैं। उम्मीदों पर खरा उतरने के पूरे प्रयास के साथ ही केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को शत-प्रतिशत लागू कराएंगे। भदोही में तैनाती के दौरान सुरेंद्र सिंह का वाराणसी आना-जाना रहा। इस दौरान उन्हें यहां साफ-सफाई और ट्रैफिक समस्या से रूबरू होना पड़ा था। कहा कि ट्रैफिक सुधार पर विशेष जोर होगा। स्मार्ट सिटी की रैंकिंग में काशी को पहले स्थान पर लाना लक्ष्य है। वाराणसी में संचालित विकास परियोजनाओं के संबंध में उन्होंने कहा कि हमारे और सरकारी अधिकारियों के बीच वन टू वन इंट्रेक्शन होगा, ताकि हर समस्या का त्वरित निस्तारण हो। सोशल मीडिया के जरिए करेंगे संवाद, लेंगे सहयोग -

जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वाराणसी जिला प्रशासन अब सोशल मीडिया के जरिये सीधे पब्लिक से संवाद करेगी। मीडियाकर्मियों के साथ ही विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम कर रही निजी कार्यदायी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। जियोलॉजी से एमएससी में गोल्ड मेडलिस्ट हैं सुरेंद्र सिंह -

उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव पर्यावरण के रूप में भी कार्य कर चुके सुरेंद्र सिंह 2005 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। मथुरा के बलदेव विकासखंड के मूल निवासी सुरेंद्र सिंह ने कक्षा आठ तक मथुरा और उसके बाद दिल्ली में इंटर तक की पढ़ाई की। बीएससी एवं जियोलॉजी एमएससी जयपुर राजस्थान से किया। बीकानेर में ढाई वर्ष लेक्चरर के पद पर भी रहे। आइएएस बनने के बाद शुरूआत मेरठ से प्रशिक्षु के रूप में हुई। फैजाबाद में एसडीएम, आगरा में मुख्य विकास अधिकारी तथा भदोही, बलरामपुर, फिरोजाबाद, मुजफ्फर नगर, प्रतापगढ़ एवं कानपुर में जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत रहे।


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